मध्य प्रदेश शासन के विभिन्न विभागों में रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया के दौरान 27% ओबीसी आरक्षण विभाग के कारण 87-13 फॉर्मूले पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल भोपाल द्वारा इसी फार्मूले के आधार पर परीक्षा परिणाम घोषित किया जा रहे हैं। हाईकोर्ट में इस फार्मूले के खिलाफ 10 याचिकाएं प्रस्तुत की गई है। आज माननीय उच्च न्यायालय में उनकी सुनवाई थी।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने आपत्ति दर्ज कराई
जबलपुर स्थित हाई कोर्ट ऑफ़ मध्य प्रदेश में 27% ओबीसी आरक्षण के मामले में आज दिनांक 16 फरवरी 2024 को ट्रांसफर याचिकाओं सहित 87% पदों पर नियुक्ति वाले आदेश की वैधानिकता को चुनौती देने वाली टोटल 10 याचिकाओं पर सुनवाई की जानी थी। सॉलिसिटर जनरल ऑफ़ इंडिया श्री तुषार मेहता ने मध्य प्रदेश सरकार की ओर से माननीय उच्च न्यायालय को बताया कि उक्त प्रकरणों की सुनवाई यह खंडपीठ नहीं कर सकती क्योंकि, पूर्व में जिस खंडपीठ ने ट्रांसफर याचिकाओं को निराकृत किया है। उसी खंडपीठ के द्वारा इन मामलों की सुनवाई की जानी चाहिए।
अगली सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री द्वारा
इसके बाद कोर्ट क्रमांक 7 पर,जस्टिस श्री अभय एस ओका एवं जस्टिस श्री उज्जल भूयान की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई नहीं की और इस मामले को उचित खंडपीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने के लिए निर्देशित किया। अगली सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री द्वारा नियत की जाएगी।
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