जबलपुर स्थित हाई कोर्ट आफ मध्य प्रदेश में नरसिंहपुर जिले के एक ठेकेदार सहित नगर परिषद के अध्यक्ष, मुख्य कार्यपालन अधिकारी और कलेक्टर को नोटिस जारी करके सवाल किया है कि, याचिकाकर्ता का मकान जब अतिक्रमण में नहीं था तो फिर उसे क्यों तोड़ दिया गया। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि राजनीतिक दबाव में उनका मकान तोड़ने की एक तरफा कार्रवाई की गई।
राजस्व विभाग और नगर परिषद की सीमांकन में मकान अतिक्रमण में नहीं था
यह मामला नरसिंहपुर जिले की तेंदूखेड़ा निवासी विनीत विश्वकर्मा की ओर से दायर किया गया है। जिसमें कहा गया है कि उनका मकान वार्ड नम्बर-सात में स्थित है। राजस्व अधिकारी व नगर परिषद के द्वारा किए गए सीमांकन में उनके मकान को अतिक्रमण मुक्त पाया गया था। इसके बावजूद भी सड़क निर्माण के लिए उनके मकान को नगर परिषद तेंदूखेड़ा व सड़क निर्माण कर रहे ठेकेदार द्वारा तोड़ दिया गया। मकान तोड़ने की कार्यवाही के पूर्व उन्हें किसी प्रकार को नोटिस तक जारी नहीं किया गया।
JCB आई और मकान तोड़कर चली गई
याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि अतिक्रमण को न हटाते हुए याचिकाकर्ता के वैध घर को जेसीबी मशीन से तोड़ दिया गया। राजनीतिक दवाब के कारण कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है। याचिकाकर्ता को पक्ष प्रस्तुत करने का भी कोई अवसर नहीं दिया गया, जो प्राकृतिक न्याय के विरुद्ध है। अवैध तरीके से मकान तोड़ने की कार्यवाही की गयी है। याचिका की सुनवाई के बाद युगलपीठ ने राज्य सरकार, जिला प्रशासन, नगर परिषद के सीईओ व अध्यक्ष सहित अनावेदक ठेकेदार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
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