भोपाल समाचार डॉट कॉम ने दिनांक 16 फरवरी को ही सरकार को अलर्ट कर दिया था। यहां क्लिक करके पढ़ सकते हैं, सरकार को बता दिया था कि मध्य प्रदेश पटवारी भर्ती परीक्षा में शामिल हुए 9 लाख उम्मीदवार, पटवारी भर्ती घोटाला की जांच रिपोर्ट से नाराज हैं और भोपाल में ऐतिहासिक प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं। इंदौर में प्रदर्शन हो चुका है और अब 28 फरवरी को भोपाल में प्रदर्शन का ऐलान किया गया है।
मध्य प्रदेश पटवारी भर्ती परीक्षा घोटाला की कहानी संक्षिप्त में
MPESB BHOPAL द्वारा आयोजित परीक्षा में टोटल 9.78 लाख उम्मीदवार शामिल हुए थे। जून 2023 में परीक्षा का रिजल्ट घोषित हुआ। इसके बाद खुलासा हुआ कि मध्य प्रदेश के 10 टॉपर्स में से 7 टॉपर्स ने ग्वालियर के NRI परीक्षा केंद्र में बैठकर परीक्षा दी थी। इस केंद्र से कुल 114 उम्मीदवार पास हुए हैं। त्यागी सरनेम वाले उम्मीदवारों को लेकर भी गजब का संयोग बना था। फिर मेडिकल सर्टिफिकेट के मामले का खुलासा हो गया। विधानसभा चुनाव से पहले सरकार पर सवाल उठाए जाने लगे तो तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने परीक्षा की प्रक्रिया को स्थगित करके जांच के आदेश दिए।
टॉपर्स का मीडिया के सामने ओपन ट्रायल कराइए
रीवा के उम्मीदवारों की तरफ से मांग की गई है कि टॉपर्स का मीडिया के सामने ओपन ट्रायल कराइए। उनकी योग्यता प्रदर्शित होनी चाहिए। मध्यप्रदेश में ग्रुप 2 सब ग्रुप 4 (पटवारी) परीक्षा परिणाम में घोटाला हुआ है। परीक्षा परिणाम में टॉप 10 में से 7 छात्रों का परीक्षा केंद्र NRI कॉलेज ग्वालियर है। 9000 अभ्यर्थियों में से अधिकतर चयनित अभ्यर्थियों का परीक्षा केंद्र NRI कॉलेज था।
कई परीक्षा में गड़बड़ी हो चुकी है, पहली बार थोड़े ही है
मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल में इससे पहले भी कई प्रकार की गड़बड़ियां सामने आई है जैसे- कृषि विस्तार, शिक्षक भर्ती, कांस्टेबल भर्ती, एवं अभी हाल ही में हुई पटवारी भर्ती इनमें पूर्ण भ्रष्टाचार हुआ है कभी सर्वर डाउन होना, गलत प्रश्न, गलत रिजल्ट जारी करना जैसे त्रुटियां कर्मचारी चयन मंडल करता आ रहा है परंतु सरकार ने इस पर पूर्ण ध्यान नहीं दिया है ऐसी स्थिति में मध्य प्रदेश के लाखों बेरोजगार युवाओं के साथ मध्यप्रदेश चयन आयोग खिलवाड़ कर रहा है।
भोपाल में 2 लाख युवाओं के प्रदर्शन की प्लानिंग
जस्टिस वर्मा की जांच रिपोर्ट का 9000 उम्मीदवारों को फायदा हुआ लेकिन 9 लाख उम्मीदवार सरकार से नाराज हो गए। नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन (एनईवाययू) के बैनर तले उम्मीदवारों की लामबंदी हो रही है। यह मामला विधानसभा में भी उठाया जा चुका है। लोकसभा चुनाव से पहले लगभग 2 लाख युवाओं का प्रदर्शन करने की तैयारी शुरू हो गई है। यूनियन को मध्य प्रदेश के कई ऐसे कोचिंग सेंटर का समर्थन प्राप्त है, जहां पटवारी परीक्षा में फेल हुए उम्मीदवार अभी भी पढ़ रहे हैं। जब पूरी कोचिंग किसी मूवमेंट में शामिल होती है तो सारे प्रश्न समाप्त हो जाते हैं।
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