मध्य प्रदेश शासन, राजस्व विभाग के लिए कर्मचारी चयन मंडल भोपाल द्वारा आयोजित पटवारी भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी सामने आने के बाद हुई जांच में सभी को क्लीन चिट तो दे दी गई परंतु इस बात से परीक्षा में शामिल हुए 9 लाख से अधिक उम्मीदवार नाराज हो गए हैं। वह इस जांच रिपोर्ट को नामंजूर करने के लिए सड़कों पर उतरने की तैयारी कर रहे हैं।
मध्य प्रदेश पटवारी भर्ती परीक्षा घोटाला की कहानी संक्षिप्त में
MPESB BHOPAL द्वारा आयोजित परीक्षा में टोटल 9.78 लाख उम्मीदवार शामिल हुए थे। जून 2023 में परीक्षा का रिजल्ट घोषित हुआ। इसके बाद खुलासा हुआ कि मध्य प्रदेश के 10 टॉपर्स में से 7 टॉपर्स ने ग्वालियर के NRI परीक्षा केंद्र में बैठकर परीक्षा दी थी। इस केंद्र से कुल 114 उम्मीदवार पास हुए हैं। त्यागी सरनेम वाले उम्मीदवारों को लेकर भी गजब का संयोग बना था। फिर मेडिकल सर्टिफिकेट के मामले का खुलासा हो गया। विधानसभा चुनाव से पहले सरकार पर सवाल उठाए जाने लगे तो तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने परीक्षा की प्रक्रिया को स्थगित करके जांच के आदेश दिए।
तकनीक हमें आती नहीं, कुछ और होगा तो डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन वाले पकड़ लेंगे, जांच रिपोर्ट
हाई कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस श्री राजेंद्र वर्मा की अध्यक्षता में जांच आयोग बनाया गया। उन्होंने तमाम प्रक्रियाओं के बाद जो डॉक्यूमेंट सरकार के सामने प्रस्तुत किए, उसमें जांच रिपोर्ट कम और सभी आरोपों को नकारने वाली दूसरे पक्ष के वकील की दलील ज्यादा दिखाई दी। रिपोर्ट के मुख्य बिंदु पढ़कर ऐसा लगा जैसे सरकार ने जस्टिस वर्मा को मामले की जांच करने और अपराधियों को तलाशने के लिए नहीं बल्कि मध्य प्रदेश पटवारी भर्ती परीक्षा पर उठे सवालों के जवाब तलाशने के लिए नियुक्त किया था। कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं की जांच ही नहीं की गई शायद रिटायर्ड जस्टिस श्री राजेंद्र वर्मा, उन तकनीकी पहलुओं को समझते ही नहीं थे। उन्होंने अपने जमाने के फार्मूले का उपयोग करते हुए जांच पूरी कर दी जिसका एकमात्र उद्देश्य था ALL IS WELL और यदि कहीं कोई गड़बड़ हो गई है तो वह डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन में पकड़ी जाएगी।
मध्य प्रदेश की राजधानी में 2 लाख युवाओं के प्रदर्शन की प्लानिंग
जस्टिस वर्मा की जांच रिपोर्ट का 9000 उम्मीदवारों को फायदा हुआ लेकिन 9 लाख उम्मीदवार सरकार से नाराज हो गए। नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन (एनईवाययू) के बैनर तले उम्मीदवारों की लामबंदी हो रही है। यह मामला विधानसभा में भी उठाया जा चुका है। लोकसभा चुनाव से पहले लगभग 2 लाख युवाओं का प्रदर्शन करने की तैयारी शुरू हो गई है। यूनियन को मध्य प्रदेश के कई ऐसे कोचिंग सेंटर का समर्थन प्राप्त है, जहां पटवारी परीक्षा में फेल हुए उम्मीदवार अभी भी पढ़ रहे हैं। जब पूरी कोचिंग किसी मूवमेंट में शामिल होती है तो सारे प्रश्न समाप्त हो जाते हैं।
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