भारत की संसद के सदन लोकसभा में नया टेलीकम्युनिकेशन बिल 2023 पास हो गया है। इस कानून के तहत यदि कोई व्यक्ति सिम कार्ड लेते समय गलत दस्तावेज जमा करता है अथवा गलत जानकारी देता है तो ऐसे व्यक्ति के खिलाफ 3 साल जेल की सजा का प्रावधान किया गया है। यानी फर्जी नाम-पता के साथ सिम कार्ड खरीदने वालों को इस कानून के तहत दंडित किया जाएगा। किसी भी सिम बेचने वाले व्यापारी की पुलिस वेरिफिकेशन की जिम्मेदारी टेलीकॉम ऑपरेटर्स की होगी। नियमों की अनदेखी करने पर 10 लाख का जुर्माना देना पड़ सकता है।
Telecommunication Act 2023
संसद में पारित होने के बाद यह टेलीकम्युनिकेशन एक्ट बन जाएगा। इसमें टेलीकॉम कंपनियों को उपभोक्ताओं को सिम कार्ड जारी करने से पहले अनिवार्य रूप से बायोमेट्रिक पहचान करनी होगी। यदि राष्ट्रीय सुरक्षा के कारण उपस्थित होते हैं तो सरकार किसी भी टेलीकॉम सर्विस या नेटवर्क को टेक ओवर कर सकती है, उसके मैनेजमेंट को सस्पेंड कर सकती है। यानी, युद्ध जैसी स्थिति में जरूरत पड़ने पर सरकार टेलीकॉम नेटवर्क पर मैसेजेज को इंटरसेप्ट कर सकेगी।
Indian Telegraph Act, The Indian Wireless Telegraph Act 1933, Telegraph Wires Act 1950 Ineffective
यह बिल 138 साल पुराने भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम को बदलेगा जो टेलीकॉम सेक्टर को कंट्रोल करता है। इसके अलावा द इंडियन वायरलेस टेलीग्राफ एक्ट 1933 और टेलीग्राफ वायर्स एक्ट 1950 की भी यह बिल जगह लेगा। ये TRAI एक्ट 1997 को भी संशोधित करेगा।
लाइसेंसिंग सिस्टम में बदलाव होगा
बिल से लाइसेंसिंग सिस्टम में भी बदलाव आएगा। वर्तमान में, सर्विस प्रोवाइडर्स को विभिन्न प्रकार की सर्विसेज के लिए अलग-अलग लाइसेंस, अनुमतियां, अनुमोदन और पंजीकरण लेना पड़ता है। ऐसे 100 से अधिक लाइसेंस या पंजीकरण हैं जो टेलीकॉम डिपार्टमेंट जारी करता है।
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