सीजीएसटी एक्ट की धारा 74 का नोटिस व्यापारियों की नींद उड़ा देता है, क्योंकि इसमें 100% पेनल्टी का प्रावधान है। यही कारण है कि बात-बे-बात सीजीएसटी एक्ट की धारा 74 के नोटिस बड़े पैमाने पर जारी किए जाते हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। सेंट्रल बोर्ड आफ इनडायरेक्ट टैक्सेस एंड कस्टम्स (CBIC) ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि, जब तक किसी दुकानदार अथवा व्यापारी द्वारा किए जाने वाला फ्रॉड पकड़ा ना जाए, तब तक धारा 74 का नोटिस नहीं दे सकते।
सीजीएसटी एक्ट की धारा 74 हेतु नए निर्देश
CBIC ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी दुकानदार अथवा व्यापारी को सीजीएसटी एक्ट की धारा 74 का नोटिस दिया जाता है तो उसके साथ यह भी स्पष्ट करना होगा कि, आपको किस तरह का फ्रॉड दिखाई दिया, या फिर कोई गलत जानकारी दी गई अथवा कोई जानकारी जानबूझकर छुपाई गई। यदि किसी व्यापारी द्वारा नियमित टैक्स का भुगतान नहीं किया गया है तो केवल इस आधार पर धारा 74 का नोटिस नहीं दिया जा सकता। जब तक अधिकारियों के पास सबूत नहीं है तब तक धारा 74 का नोटिस नहीं दिया जाना चाहिए।
सामान्य गलती पर सीजीएसटी एक्ट की धारा 73 का नोटिस
स्पष्ट किया गया है कि यदि किसी व्यापारी द्वारा टैक्स की गणना में त्रुटि हो गई है और उसने कम टैक्स जमा कर दिया है। निर्धारित से ज्यादा अथवा गलत आईटीसी ले लिया है, तब धारा 73 का नोटिस दिया जाता है। टैक्स कंसलटेंट श्री मुकुल शर्मा का कहना है कि, धारा 73 में 10% पेनल्टी जबकि धारा 74 में 100% पेनल्टी का प्रावधान है। व्यापारियों को डराने के लिए धारा 74 का नोटिस जारी किया जाता है परंतु यदि किसी व्यापारी ने नोटिस को चैलेंज कर दिया तो सरकार को नुकसान होगा। क्योंकि अधिकारी धारा 74 का कारण स्पष्ट नहीं कर पाएंगे।
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