MP NEWS - मानदेय आदेश की अतिथि विद्वान और प्राचार्य अलग-अलग व्याख्या कर रहे हैं

मध्य प्रदेश के सरकारी महाविद्यालयों में रिक्त पदों के विरुद्ध सेवा देने वाले महाविद्यालयीन अतिथि विद्वानों की मुसीबत ख़त्म होने का नाम ही नहीं ले रही है। अब एक नया मामला मानदेय का आ गया। 11 सितंबर को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने निवास पर अतिथि विद्वानों की पंचायत बुलाई एवं 50 हज़ार फिक्स मानदेय एवं अतिथि विद्वानों को फालेंन आऊट नहीं किया जायेगा। अतिथि विद्वानों की सेवा लगातार जारी रहेगी। की घोषणा हुई लेकिन उच्च शिक्षा विभाग के जारी आदेश में और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के घोषणा में विरोधाभास है जिससे अतिथि विद्वानों में काफी आक्रोश व्याप्त है। 

अतिथि विद्वानों के मानदेय पर प्राचार्यों का तर्क 

प्राचार्यों का कहना है कि 1500 में 500 जोड़कर 2000 प्रति कार्य दिवस का भुगतान किया जाएगा। इस प्रकार मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा का पालन कर दिया गया है। प्राचार्यों का कहना है कि अतिथि विद्वानों को मासिक मानदेय नहीं दिया जा सकता। इसका प्रावधान ही नहीं है।

अतिथि विद्वानों का तर्क

लेकिन अतिथि विद्वानों का तर्क है कि आदेश में प्रतिदिवस का जिक्र है मतलब की 31 (अक्टूबर) दिन टोटल 62 हज़ार लेकिन अधिकतम 50 हज़ार फिक्स मिलना चाहिए। अगर कोई अतिथि विद्वान वर्किंग डे में अनुपस्थित रहता है तो उसका 2 हजार के हिसाब से काटा जाना चाहिए लेकिन जो पूरे कार्य दिवस में उपस्थित है तो उसको पूरा 50 हज़ार मानदेय मिलना चाहिए। प्रति दिवस की दर पर पारिश्रमिक के निर्धारण से शासकीय अवकाश का वेतन कट जाएगा। जबकि घोषणा फिक्स मानदेय की हुई है।

उच्च शिक्षा विभाग मुख्यमंत्री की घोषणा का पालन करें, परिवर्तन नहीं

डॉ आशीष पांडेय, मीडिया प्रभारी अतिथि विद्वान महासंघ का कहना है कि, अतिथि विद्वानों की लड़ाई न्यायसंगत है। चार बार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ज़ी की घोषणा के एक भी बिंदु पूरे नहीं किए गए जो समझ से परे है। पचास हजार फिक्स मानदेय और अतिथि विद्वानों को फालेंन आउट ना करने की प्रमुख लाइन थी जिसमें शब्दों की जादूगरी दिखाते हुए गोलमोल करने की कोशिश की जा रही है। संघ की स्पष्ट मांग है की तत्काल अतिथि विद्वानों को 50 हज़ार फिक्स मानदेय भुगतान करने की कृपा करे विभाग।

दिवाली पास में है,अतिथि विद्वानों के मानदेय में देरी के कारण पवित्र दिवाली त्योहार कहीं फीकी ना पड़ जाए।उच्च शिक्षा विभाग के शीर्ष अधिकारियों से निवेदन है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी के घोषणा के अनुसार 50 हज़ार फिक्स मानदेय भुगतान करने का आदेश जारी करें।अतिथि विद्वानों का भविष्य सुरक्षित करें। 

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