दिल्ली से दान में मिले एक पालतू हाथी के लिए मध्य प्रदेश के महावतों और उत्तर प्रदेश की एक एनजीओ के बीच लड़ाई चल रही है। इस मामले में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने राजस्थान और मध्य प्रदेश फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के कई अधिकारियों को नोटिस जारी करके जवाब तलब किया है।
मध्य प्रदेश वन विभाग ने हाथी पालने की अनुमति दी थी
जिला छतरपुर मध्य प्रदेश के निवासी महावत रूप सिंह परिहार एवं महावत जगदीश दास गिरि का हाथी पालन करना पुश्तैनी व्यवसाय है। उक्त महावत के पास मकना नामक नर हाथी था, जो दिल्ली निवासी हाजी गयूर खान नामक व्यक्ति द्वारा दान पत्र के माध्यम से दिया गया था। जिसे अपने आधिपत्य मे रखने हेतु वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम की धारा 40 (A) के तहत, मुख्य वन्य प्राणी अभिरक्षक एवं प्रधान वन संरक्षक (वन्य प्राणी) मध्य प्रदेश, भोपाल द्वारा अनुमति प्रदान की गई थी तथा वन मंडलाधिकारी छतरपुर द्वारा उक्त हाथी का समय समय पर भौतिक परीक्षण करके मेडिकल फिटनेस प्रमाणपत्र जारी किए जाते रहे है।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक भोपाल ने नियम विरुद्ध अनुमति निरस्त कर दी
दिनांक 20.10.2020 को उक्त हाथी विचरण करता हुआ राजस्थान पहुंच गया और झालावाड़ राजस्थान के क्षेत्रीय वन संरक्षक ने हाथी को अवैधानिक रूप से जप्त करके मथुरा स्थित एक एनजीओ ‘हाथी संरक्षण एवं पुनर्वास केंद्र’ के सुपुर्द कर दिया। तत्पश्चात उक्त एनजीओ (हाथी संरक्षण एवं पुनर्वास केंद्र मथुरा, उत्तर प्रदेश) द्वारा मध्य प्रदेश हाईकोर्ट मे एक जन हिट याचिका क्रमांक 15651/2021 दाखिल करके उक्त मकना हाथी को याचिका कर्ताओ को अपने आधिपत्य मे रखने की दी गई अनुमति को निरस्त किए जाने की राहत चाही गई थी। उक्त याचिका मे समुचित आदेश के पूर्व ही प्रधान मुख्य वन संरक्षक भोपाल द्वारा अपने से उच्च अधिकारी द्वारा दी गई अनुमति को बिना प्रक्रिया अपनाए निरस्त कर दी।
हाथी किसका साथी, मध्य प्रदेश हाई कोर्ट फैसला करेगा
जिसके विरूद्ध याचिकाकर्ता महावतों ने अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर के माध्यम से हाईकोर्ट जबलपुर मे याचिका क्रमांक 26373/2023 दाखिल की गई। उक्त याचिका की प्रारम्भिक सुनवाई मुख्य न्यायधीश रवि मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ द्वारा की गई। उक्त याचिका की प्रारम्भिक सुनवाई करते हुए प्रमुख सचिव फॉरेस्ट डिपार्मेंट भोपाल, मुख्य वन संरक्षक भोपाल, डिवीज़नल फॉरेस्ट ऑफिसर छतरपुर की ओर से एडिशनल एडवोकेट जनरल ने नोटिस एक्सेप्ट किए तथा डिवीज़नल फ़रेस्ट ऑफिसर मथुरा , Elephant Conservation & Rehabilitation Centre Mathura तथा डिवीज़नल फॉरेस्ट झालावाड़ राजस्थान को नोटिस जारी कर जबाब टीएलवी किया गया है।
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