मध्य प्रदेश के ग्वालियर में आदर्श विज्ञान महाविद्यालय के प्रिंसिपल ने अपने कुछ प्रिय अधिकारी एवं कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी से बचने के लिए EPDS सॉफ्टवेयर में दर्ज करने के लिए अधूरी जानकारी भेज दी। मामला पकड़ में आ गया। अब प्रिंसिपल के खिलाफ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत FIR की कार्रवाई शुरू की जा रही है।
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 134
ग्वालियर के कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री अक्षय कुमार सिंह ने आदर्श विज्ञान महाविद्यालय के प्रिंसिपल को नोटिस जारी करके जवाब तलब किया है। पूछा है कि क्यों ना आपके खिलाफ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 134 के तहत पुलिस थाने में आपराधिक प्रकरण दर्ज करवा दिया जाए। बताया गया है कि 2023 के लिए EPDS सॉफ्टवेयर में सभी कर्मचारियों की जानकारी दर्ज की जा रही है। इस जानकारी के आधार पर ही चुनाव में अधिकारियों एवं कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाएगी। आदर्श विज्ञान महाविद्यालय के प्रिंसिपल ने अपने कुछ पसंदीदा अधिकारी एवं कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी से बचने के लिए, सॉफ्टवेयर में दर्ज करने हेतु अधूरी जानकारी भेज दी।
जब कुल कर्मचारियों की संख्या से मिलान किया गया तो सॉफ्टवेयर में दर्ज किए गए कर्मचारियों की संख्या कम पाई गई। ऑडिट करने पर पता चला कि आदर्श विज्ञान महाविद्यालय की ओर से, कॉलेज में तैनात कल अधिकारी कर्मचारियों की तुलना में कम अधिकारी और कर्मचारियों की जानकारी भेजी गई है। प्राचार्य को अपने स्पष्टीकरण के लिए तीन दिन का समय दिया गया है।
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