ट्राइबल डिपार्टमेंट में नियुक्त शिक्षकों को स्कूल शिक्षा में चॉइस फिलिंग के आदेश - MP HIGH COURT NEWS

Madhya Pradesh government school teachers high court news

जबलपुर स्थित हाई कोर्ट आफ मध्य प्रदेश ने मध्य प्रदेश में शिक्षक पात्रता एवं चयन परीक्षा पास करने के बाद उम्मीदवारों की सहमति के विरुद्ध ट्राइबल डिपार्टमेंट में नियुक्ति के मामले में अंतरिम आदेश जारी करते हुए उन्हें स्कूल शिक्षा में चॉइस फिलिंग का अवसर प्रदान किया गया है। 

मध्य प्रदेश शासन की जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित जाति कल्याण विभाग में चयनित और नियुक्त शिक्षकों को स्कूल शिक्षा विभाग में नियुक्ति एवम चॉइस फिलिंग से वंचित या अपात्र किए जाने के विरूद्ध रामेश्वर डांगी एवम अन्य, श्री विवेक राठौर एवम 229 अन्य माध्यमिक शिक्षकों एवम मनोज सोनी, उच्च माध्यमिक शिक्षक एवम लगभग 80 माध्यमिक शिक्षकों ने उच्च न्यायालय जबलपुर में स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश के विरूद्ध रिट याचिका दायर की थी। उच्च माध्यमिक शिक्षको की ओर से पैरोकार उच्च न्यायालय जबलपुर के वकील श्री अमित चतुर्वेदी ने सुनवाई के दौरान दिनांक 16/10/23 को उच्च न्यायालय को बताया कि दोनों विभागों के भर्ती नियमों एवं अन्य संशोधित भर्ती नियमों एवम चयन प्रक्रिया को शासित करने वाले आदेशों में ऐसा कोई प्रतिबंध नही है कि जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित जाति कल्याण विभाग में नियुक्त शिक्षक, स्कूल शिक्षा विभाग में नियुक्ति हेतु पात्र नही है। अतः शासन का यह कार्य संविधान के अनुच्छेद 14 एवम 16 उल्लंघन है। 

ट्राईबल डिपार्मेंट में नियुक्त शिक्षक, स्कूल शिक्षा के विभागीय आदेशों के पालन में ही चयन प्रक्रिया में शामिल हुए थे। ट्राईबल डिपार्मेंट में नियुक्त शिक्षकों को, स्कूल शिक्षा में नियुक्ति प्राप्त करने हेतु, वैध पात्र होने के उपरांत भी, स्कूल शिक्षा में नियुक्ति हेतु अपात्र करना, एक कृत्रिम वर्ग का निर्माण करना है, जिससे संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है जो कृत्रिम वर्गीकरण को निषिद्ध करता है।

मेरिट सूची में उच्च स्थान प्राप्ति के बाद, ऐसा कोई नियम नहीं है, जिससे आदिवासी विकास में नियुक्त शिक्षक, स्कूल शिक्षा में नियुक्ति से वंचित किए जा सकें।  

सुनवाई के बाद, उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने शासन से जवाब तलब करते हुए, याचिकाकर्ता शिक्षकों को चॉइस फिलिंग में भाग दिए जाने का अंतरिम आदेश माह फरवरी/मार्च में पारित किया था परंतु, समान केस खारिज हो जाने के कारण, कोर्ट द्वारा पारित आदेश का पालन नहीं हो सका था। सिंगल बेच द्वारा खारिज आदेश को, युगल पीठ/डबल बेंच में चुनौती दी गई थी। हाई कोर्ट की डबल बेंच द्वारा द्वारा, शासन के पक्ष में किए गए आदेश को स्टे कर दिया गया था। 

अधिवक्ता अमित चतुर्वेदी द्वारा उच्च न्यायालय जबलपुर की सिंगल बेंच का ध्यान दिनांक 16/10/23 को डबल बेंच द्वारा पारित आदेश की ओर आकर्षित किया। सुनवाई के बाद कोर्ट द्वारा, डबल बेंच के आदेश के प्रकाश में पुनः अंतरिम आदेश जारी करते हुए, आयुक्त लोक शिक्षण को आदेश दिया गया है कि, ट्राइबल में नियुक्त एवम स्कूल शिक्षा में चयनित शिक्षकों को स्कूल शिक्षा की शालाओं में चॉइस फीलिंग का अवसर दिया जावे। साथ ही यह आदेश दिया है कि कोर्ट की अनुमति के बिना परिणाम घोषित नही किए जावे। कोर्ट का आदेश सिर्फ याचिकाकर्ताओं के लिए है। 

 पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार पढ़ने के लिए कृपया यहां क्लिक कीजिए। ✔ इसी प्रकार की जानकारियों और समाचार के लिए कृपया यहां क्लिक करके हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें  ✔ यहां क्लिक करके व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करें। ✔ यहां क्लिक करके हमारा टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें। क्योंकि भोपाल समाचार के टेलीग्राम चैनल - व्हाट्सएप ग्रुप पर कुछ स्पेशल भी होता है।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!