मध्य प्रदेश मौसम मानसून, 45 जिलों में त्राहिमाम, पढ़िए बारिश कब होगी - MP WEATHER FORECAST

Madhya Pradesh monsoon weather forecaste

सावन का महीना भी बीत गया परंतु सावन की झड़ी नहीं लगी। आसमान में बादल तो देखें लेकिन बारिश नहीं हुई। कुछ जगहों पर मूसलाधार बारिश हुई और सारा पानी नदी नालों में बह गया। मौसम विभाग के रिकॉर्ड में बारिश दर्ज हो गई परंतु खेत प्यासे रह गए हैं। इसके कारण मध्य प्रदेश के 53 में से 45 जिलों में सूखे के हालात बन रहे हैं। यदि भादो के महीने में फसलों के लिए अच्छी बारिश नहीं हुई तो आने वाला साल मध्य प्रदेश के नागरिकों के लिए काफी मुश्किल हो जाएगा। 

मध्य प्रदेश मौसम समाचार- अगस्त में सिर्फ 8 दिन बारिश हुई, सामान्य से 40% कम

भारतीय मौसम विभाग के वैज्ञानिकों का कहना है कि अगस्त में दो बार करीब 21 दिन तक मानसून ब्रेक रहा। सिर्फ आठ दिन ही पानी गिरा। इस कारण अधिकांश जिलों में सूखे के हालात हैं। इस बार भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और उज्जैन में तो 11 साल में सबसे कम बारिश हुई है। प्रदेश में 1 जून से 31 अगस्त तक ओवरऑल 26.05 इंच बारिश हो चुकी है, जबकि अब तक 30.81 इंच बारिश होनी चाहिए थी। इस हिसाब से 15% कम बारिश हुई है। अगस्त महीने में 7.94 इंच पानी गिरा है, जबकि 13.15 इंच बारिश होनी चाहिए थी। इस हिसाब से करीब 40% पानी कम गिरा है। 

मध्य प्रदेश के किन जिलों में सूखे का खतरा 

भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन, आगर-मालवा, अलीराजपुर, अशोकनगर, बड़वानी, बैतूल, बुरहानपुर, दतिया, देवास, धार, गुना, हरदा, झाबुआ, खरगोन, खंडवा, मंदसौर, मुरैना, नर्मदापुरम, नीमच, रायसेन, राजगढ़, रतलाम, सीहोर, शाजापुर, श्योपुरकलां, शिवपुरी, विदिशा, बालाघाट, छतरपुर, छिंदवाड़ा, दमोह, मंडला, नरसिंहपुर, रीवा, सतना, सागर, सिवनी, शहडोल, सीधी, सिंगरौली और टीकमगढ़। यहां पानी कम गिरा है। इनमें शाजापुर, नीमच, उज्जैन, राजगढ़, मंदसौर, खंडवा और आगर-मालवा जिलों में 80% तक कम पानी गिरा है। इन इलाकों में फसलें मर रही हैं। सोयाबीन को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। यदि भादो के महीने में बारिश नहीं हुई तो इनमें से कई जिलों को सूखा घोषित करना पड़ेगा। 

बंगाल की खाड़ी में बन रहे बादल मध्य प्रदेश की आखरी उम्मीद

सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. सिंह बताते हैं कि सितंबर में मानसून से कुछ उम्मीद है। 4 से 5 सितंबर के आसपास बंगाल की खाड़ी में सिस्टम एक्टिव हो रहा है। 6 से 7 सितंबर तक लो प्रेशर एरिया एक्टिव हो सकता है। इससे पूर्वी हिस्से में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है। यह सिस्टम 18 से 19 सितंबर तक एक्टिव रह सकता है। 

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