Government jobs के लिए संघर्ष और विफलता की स्थिति में तनाव का स्तर नापा नहीं जा सकता परंतु नतीजे सामने आ रहे हैं। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के प्रतिष्ठित प्राइवेट कॉलेज में प्रोफेसर के पद पर पदस्थ 25 वर्षीय युवती ने इसलिए सुसाइड कर लिया क्योंकि वह MPPSC क्लियर नहीं कर पाई।
BHOPAL NEWS- ज्योति प्रजापति होनहार बेटी थी, सुसाइड नोट मिला
भोपाल के मिसरोद पुलिस थाना क्षेत्र में संजय नगर जाट खेड़ी में श्री बाबूलाल प्रजापति का घर है। ज्योति प्रजापति उम्र 25 वर्ष, उनकी होनहार बेटी थी। प्राइवेट कॉलेज में जॉब लग गई थी और मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग सहित कई अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही थी। शनिवार की सुबह उस की डेड बॉडी फांसी के फंदे पर लटकी हुई मिली। एक सुसाइड नोट भी मिला जिसमें उसने लिखा कि अपनी नाकामियों के कारण आत्महत्या कर रही हूं। इसमें किसी का कोई कसूर नहीं है।
MOTIVATION अब जानलेवा हो गया है
समाज में पिछले कुछ दिनों में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है। परीक्षा में शामिल होने वाले विद्यार्थियों एवं अभ्यर्थियों को हर स्तर पर मोटिवेट किया जा रहा है परंतु किसी भी स्तर पर उन्हें कंपनी नहीं दी जा रही है। लोग उनकी तारीफ करते हैं, पूरा विश्वास जताते हैं कि, सफलता उन्हें ही मिलेगी और आगे बढ़ जाते हैं। बच्चों को मोटिवेट करके संघर्ष करने के लिए अकेला छोड़ देते हैं। किसी भी परीक्षा को प्रतिष्ठा का प्रश्न बना देते हैं और कभी यह छूट नहीं देते कि यदि फेल हो गए तो चिंता मत करना। मोटिवेशन का प्रेशर इतना ज्यादा हो जाता है कि यदि सफलता ना मिले तो कैंडिडेट अपने परिवार के सामने खुद को शर्मसार महसूस करता है और कभी कभी आत्मघाती कदम उठा लेता है।
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