जबलपुर। मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के कर्मचारी अपनी विभिन्न लंबित मांगों को लेकर आन्दोलनरत थे, विश्वविद्यालय प्रबंधन की कर्मचारी विरोधी दमनकारी नीति के तहत कर्मचारियों के शांतिपूर्ण आन्दोलन को कुलचने लिए जिला प्रशासन से धारा 144 लागू कराई गई है, जिससे कर्मचारी अपनी लंबित मांगों की आवाज भी न उठा सकें।
विश्वविद्यालय में धारा 144 कर्मचारियों के संवैधानिक अधिकारों का हनन
कर्मचारी संघ ने कहा कि, यदि विश्वविद्यालय द्वारा कर्मचारियों की समस्याओं का निराकरण स्वतः संज्ञान लेकर अथवा पूर्व में दिये गये ज्ञापनों के माध्यम से कर देते तो कर्मचारी आज आन्दोलनरत नहीं होते। विश्वविद्यालय परिसर में धारा 144 लगाकर आन्दोलन को दबाना कर्मचारियों के संवैधानिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है।
संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, अटल उपाध्याय, चन्दु जाउलकर, आलोक अग्निहोत्री, दुर्गेश पाण्डे, बृजेश मिश्रा, वीरेन्द्र तिवारी, धनश्याम पटैल, रमेश उपाध्याय, साहिल सिद्दीकी, प्रशांत श्रीवास्तव, गोविन्द विल्थरे, डी. डी. गुप्ता, रजनीश तिवारी, एस. पी. वाथरे, वीरेन्द्र चन्देल, मनोज सिंह, चूरामन गुर्जर, राकेश राव, सत्येन्द्र ठाकुर, मनीष दुपारे, गौरव सेंगर, आदि ने शासन एवं जिला प्रशासन से मांग की हैं कि विश्वविद्यालय में आन्दोलनरत कर्मचारियों की जायज मांगों का निराकरण कराते हुए विश्वविद्यालय परिसर से धारा 144 हटाई जावे।
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