BHOPAL NEWS - पर्यटकों के लिए नया सेवन वंडर्स ऑफ रातापानी एडवेंचर कैंप

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पर्यटकों के लिए जंगल में 2 दिन की सफारी का एक नया इवेंट प्लान किया जा रहा है। रातापानी सेंचुरी में सेवन वंडर्स ऑफ रातापानी फाइंड आउट कर लिए गए हैं। प्रपोजल भी तैयार हो गया है। ईकोटूरिज्म या फिर एमपी टूरिज्म की पार्टनरशिप में इस प्रोजेक्ट को संचालित किया जाएगा। यह एक एडवेंचर कैंप होगा। पर्यटकों को इसमें रातापानी के साथ सबसे बढ़िया स्थानों पर समय बिताने का मौका मिलेगा। इनमें से कुछ पॉइंट ऐसे हैं जहां, पर्यटकों को जाने की अनुमति नहीं है। 

सेवन वंडर्स ऑफ रातापानी सेंचुरी के 7 अद्भुत पर्यटक स्थल की लिस्ट

1. गिन्नौरगढ़ का किला:- रातापानी की देलावाड़ी रेंज में गोंड कालीन गिन्नौरगढ़ का किला है। राजा गोंड शाह अपनी 7 रानियों के साथ यहां रहते थे। 3696 फीट लंबे और 874 फीट चौड़े इलाके में बनेे किले में 25 कुएं-बावड़ियां और 4 छोटे तालाब हैं। नीचे गुफा में जलकुंड है, जिससे गर्मियों में भी ठंडक बनी रहती है।

2. देलावाड़ी सनसेट प्वाइंट:- युद्धबंदी शिविर का निर्माण 1939 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान किया गया था। 9 वर्ग किमी क्षेत्र में फैले इस स्थान पर अब बैरक और अस्तबल, एक रसोईघर, और एक थिएटर के अवशेष हैं।

3. विश्व धरोहर भीमबेटका:- इनकी खोज वर्ष 1957-1958 में डॉ. विष्णु श्रीधर वाकणकर ने की थी। यहां करीब 750 रॉक पेंटिंग हैं, लेकिन एएसआई द्वारा 15 पेंटिंग को चिह्नित किया गया है। यह यूनेस्को की विश्व धरोहरों में है।

4 रातापानी डेम क्रोकोडाइल:- यहां स्थित वाच टॉवर के जरिये मगरमच्छ की साइटिंग की जाएगी। यहां 40 से अधिक मगरमच्छ हैं। इसे पर्यटकों के लिए खोला जा रहा है। डेम में 112 प्रकार के जलीय जीव हैं। 40 प्रकार की मछलियों की प्रजाति पाई गई हैं।

5. रणभैंसा रॉक पेंटिंग:- यहां 5 हजार साल पुराने ‘रणभैंसा’ के शैलचित्रों को देख सकते हैं। इसमें भैंसे का चित्र उकेरा गया है। इनकी कार्बन डेटिंग से पता चला है कि इनमें बनी पेंटिंग दो सभ्यताओं ने बनाई है।

6. झोलियापुर डेम बर्ड वॉचिंग:- झोलियापुर बांध के पास कैचमेंट एरिया में बर्ड वॉचिंग कैंप व साइटिंग स्थल विकसित किया है। यहां सारस, एशियन ओपन बिल्ड, ब्लैक रम्पड फ्लैमबैक समेत 180 प्रजाति के पक्षी हैं।

7 . कैरी महादेव वैली:- वर्षों पुराना यह स्थान एक धरोहर के रूप में है। इसकी बड़ी खासियत सर्दी, गर्मी, बारिश के मौसम में गुफा के अंदर पत्थरों से अपने आप गिरता पानी है। पानी की धार यहां कभी बंद नहीं होती। 

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