मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर में मानसून की मूसलाधार बारिश के कारण बाढ़ आई हुई है। चारों तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है। कई इलाकों का दुनिया से संपर्क टूट गया है लेकिन इसके बावजूद विवाह संस्कार जैसे कार्यक्रम स्थगित नहीं हुए। नदी में आई हुई बाढ़ को चीरते हुए दूल्हे की बारात निकली और ऐतिहासिक शादी संपन्न हुई।
बाढ़ का पानी कम होने का नाम नहीं ले रहा था
मामला नरसिंहपुर जिले की गोटेगांव तहसील के ग्राम नौन पिपरिया का है। जहां जबलपुर जिले के ग्राम चरगंवा निवासी मोहन पटेल की बरात आई थी। जिले में तीन दिन तक हुई जोरदार वर्षा के कारण क्षेत्र के नदी-नाले उफना रहे थे। मोहन की शादी कीर्ति पिता मूरतसिंह पटेल से होनी थी। नौन पिपरिया गांव के मुख्य मार्ग की पुलिया भी डूब गई थी। बैंडबाजों के साथ आई बरात ने पहले तो बाढ़ कम होने का इंतजार किया, लेकिन जब काफी देर तक बाढ़ में कोई अंतर नहीं दिखा तो फिर शादी के मुहूर्त की चिंता करते हुए किसी तरह दूल्हे को दुल्हन के घर पहुंचाने के जतन-जुगाड़ किए जाने लगे।
दुल्हन भी नदी में बाढ़ को पार करके ससुराल आई
गांव के लोगों ने दूल्हे की तय समय पर शादी कराने के लिए दो ट्रैक्टरों का जुगाड़ किया और उन्हें दोनों तरफ खड़े कर मोटी रस्सी बांधी गईं। दूल्हे को कंधे पर उठाकर रस्सी के सहारे पुलिया पार कराई और इसी तरह पंडित व अन्य बरातियों को भी सुरक्षित दुल्हन के घर तक भिजवाया। इसी तरह विवाह के बाद दूल्हा-दुल्हन व बरातियों को भी फिर से पुलिया पार कराई।
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