मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक हंसते खेलते परिवार ने सुसाइड कर लिया। दंपति ने पहले अपने दोनों बच्चों को जहर खिलाया। उनकी मृत्यु हो जाने के बाद फांसी के फंदे पर झूल कर आत्महत्या कर ली। सब कुछ केवल इसलिए हुआ क्योंकि उनका मोबाइल और लैपटॉप हैक हो गया था। उनके निजी वीडियो और फोटो साइबर अपराधी के पास पहुंच गए थे। उसने 17 लाख रुपए की डिमांड की थी और दहशत फैलाने के लिए मोबाइल की कांटेक्ट बुक में से कुछ लोगों को वह फोटो और वीडियो सेंड कर दिए थे।
कोलंबिया की कंपनी ने लैपटॉप हैक कर लिया था
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, रातीबड़ की शिव विहार कॉलोनी में रहने वाले भूपेंद्र विश्वकर्मा (उम्र 38 वर्ष) कोलंबिया बेस्ड एक कंपनी (ऑनलाइन मल्टीनेशनल कंपनी) में ऑनलाइन जॉब करते थे। भूपेंद्र पर काम का प्रेशर और लोन था। कंपनी ने उनका लैपटॉप हैक कर उसमें मिले कॉन्टेक्ट पर आपत्तिजनक वीडियो वायरल कर दिए थे। इससे परेशान भूपेंद्र ने अपनी पत्नी रितु (उम्र 35 वर्ष) के साथ फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया। इससे पहले दो बेटों ऋतुराज (उम्र 3 वर्ष) और ऋषिराज (उम्र 9 वर्ष) को जहर खिला दिया था।
घर में जहर के 6 पैकेट मिले
भूपेंद्र के बड़े भाई नरेंद्र विश्वकर्मा ने बताया कि उसने दोनों बच्चों और पत्नी के साथ देर रात सेल्फी कैप्चर की थी। कोल्ड ड्रिंक में जहर मिलाकर दोनों बच्चों को पिला दिया। इसके बाद भूपेंद्र और उसकी पत्नी रितु, बच्चों के पास ही बैठे रहे। जब उन्हें दोनों बच्चों की मौत होने की पुष्टि हो गई, तो भूपेंद्र ने दो दुपट्टे को आपस में बांधकर फंदा बनाया और एक साथ फांसी लगाकर जान दे दी। नरेंद्र विश्वकर्मा ने बताया कि भूपेंद्र के घर से जहर के 6 पैकेट मिले हैं।
सुबह 4 बजे भतीजी को वॉट्सऐप पर सुसाइड नोट भेजा
भूपेंद्र विश्वकर्मा ने गुरुवार तड़के 4 बजे अपनी भतीजी रिंकी विश्वकर्मा को वॉट्सऐप पर सुसाइड नोट भेजा था। साथ ही पत्नी और दोनों बच्चों के साथ सेल्फी खींचकर भी भेजी। इस फोटो का कैप्शन लिखा- यह मेरी आखिरी फोटो है। आज के बाद हम कभी नहीं दिखेंगे। इन फोटो और सुसाइड नोट को रिंकी ने सुबह 6 बजे देखा और परिजनों को सूचना दी। रिंकी, मंडीदीप स्थित एक धागा फैक्टरी में काम करती है।
मोबाइल और लैपटॉप दोनों हैक कर लिए थे
पंकज विश्वकर्मा ने बताया, भूपेंद्र बड़े पिता के बेटे थे। उनके साथ साइबर क्राइम हुआ है। उनका मोबाइल और कंपनी से मिला लैपटॉप हैक कर लिया गया। मोबाइल में उनके जितने भी कॉन्टैक्ट नंबर थे, उन पर उनके निजी वीडियो और फोटो वायरल कर दिए गए थे। धमकी देकर पैसों की डिमांड कर रहे थे। भैया ने 4 से 5 दिन पहले वॉट्सऐप स्टेटस भी डाला था कि मेरे द्वारा ये मैसेज नहीं किया जा रहा है। आप इसे इग्नोर करें।
तीनों बैंक अकाउंट खाली कर दिए
दो तीन दिन पहले हमारी बात हुई। वे परेशान हो चुके थे। उनसे 17 लाख की डिमांड की गई। कहते थे कि इतने पैसे कहा से दूंगा। भैया ने बताया था कि उनके तीनों बैंक अकाउंट खाली कर दिए। पूरा पैसा निकाल लिया। 7-8 जुलाई को साइबर सेल में शिकायत करने गए थे। साइबर सेल की ओर से उनका सिम और मोबाइल भी शायद एक्सचेंज करा दिया गया था।
हंसता खेलता परिवार चला गया
भूपेंद्र की चाची लीला विश्वकर्मा ने बताया, किसी को कुछ पता नहीं था। कल बहू ने मुझे बताया था कि कोई 17 लाख रुपए मांग रहा है। कह रहा है नहीं दिए तो घर बर्बाद कर देंगे। बहुत खुशहाल परिवार था। बड़ा बेटा ऋतुराज नीलबड़ स्थित शारदा विद्या मंदिर स्कूल में कक्षा तीसरी में पढ़ता था। छोटा बेटा ऋषिराज की स्कूलिंग अभी शुरू नहीं हुई थी।
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