Madhya Pradesh government employees news
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर ने मध्यप्रदेश शासन, स्कूल शिक्षा विभाग से पूछा है कि अतिथि शिक्षकों के अनुभव की गणना किस प्रकार की जाती है। दरअसल, अनुभव की गणना के फार्मूले को लेकर विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई है। कुछ अतिथि शिक्षकों ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है।
गणना में गड़बड़ी के कारण अतिथि शिक्षकों की भर्ती अटक गई
सीधी के अतिथि शिक्षक श्री अभिषेक त्रिपाठी तथा सागर जिले की 3 अतिथि शिक्षकों ने मिलकर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में अनुभव की गणना के फार्मूले को लेकर आपत्ति जताते हुए याचिका दाखिल की है। इसमें बताया गया है कि प्राथमिक शिक्षक भर्ती के सेकंड राउंड में अतिथि शिक्षकों के अनुभव की गणना मार्च 2023 तक की गई जबकि अतिथि शिक्षकों की सेवाएं अप्रैल के महीने तक रहती हैं इसलिए उनके अनुभव की गणना अप्रैल के महीने तक की जानी चाहिए। उम्मीदवारों ने बताया कि इस मामले में उन्होंने लोक शिक्षण संचालनालय में अभ्यावेदन प्रस्तुत किया था परंतु डीपीआई कमिश्नर ने कोई फैसला नहीं किया इसलिए हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई।
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के विद्वान न्यायाधीश जस्टिस पाल एवं जस्टिस अचल कुमार पालीवाल की खंडपीठ ने सरकारी वकील को निर्देशित किया है कि वह शासन से पूछ कर जवाब प्रस्तुत करें। स्कूल शिक्षा विभाग का शिक्षा सत्र कब से शुरू होता है और कब संपन्न होता है। अतिथि शिक्षकों के अनुभव की गणना का फार्मूला क्या है। जब सेवाएं अप्रैल तक ली गई तो अनुभव की गणना मार्च तक क्यों की गई। सुनवाई की अगली तारीख 13 जून 2023 निर्धारित की गई है।
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