MP NEWS- दमोह कलेक्टर को जो गंगा जैसा पवित्र लगता था, पढ़िए मुख्यमंत्री को उसमें कितना कचरा मिला

Madhya Pradesh politics news 

मध्य प्रदेश के दमोह जिले में संचालित गंगा जमना हायर सेकेंडरी स्कूल का मामला अब केवल हिजाब जैसे दिखने वाले यूनिफॉर्म स्कार्फ तक सीमित नहीं है बल्कि इससे कहीं आगे निकल गया है। दमोह कलेक्टर श्री मयंक अग्रवाल ने जिस मामले में तत्काल क्लीन चिट दी थी, आज उसी मामले में FIR दर्ज हो गई है। स्कूल के संचालक मोहम्मद इदरीश की गतिविधियों में दमोह कलेक्टर को कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला था जबकि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के पास ना केवल शिकायतों का अंबार लगा है बल्कि उन्होंने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए वरिष्ठ अधिकारियों को जांच करने के लिए निर्देशित किया है। 

पहले पढ़िए मुख्यमंत्री को क्या शिकायत मिली

मुख्यमंत्री के कार्यालय की ओर से बताया गया है कि, सीएम श्री शिवराज सिंह चौहान ने दमोह के गंगा-जमुना विद्यालय के संबंध में प्राप्त शिकायतों को गंभीरता से लिया है। उन्होंने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को विद्यालय के संबंध में प्राप्त शिकायतों की विस्तृत जाँच के निर्देश दिए हैं। विवादों से घिरे दमोह के विद्यालय संचालकों के बारे में और भी गंभीर शिकायतें मिली हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए जाँच के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देशित किया है।

दमोह के मोहम्मद इदरीश के खिलाफ कौन-कौन सी शिकायतें

विद्यालय संचालन से जुड़ी शिकायतों के साथ ही बीड़ी कंपनी गंगा-जमना, बीड़ी कम्पनी 352, संभाग एवं प्रदेश स्तर पर तेंदूपत्ता का काम, भोपाल में कपड़ा कारखाने, हार्डवेयर कार्य, रेत खनन, करीब 1800 एकड़ इलाके में भू-माफिया के रूप में सक्रिय, लगभग 300 एकड़ जमीन सिटी के आस-पास पाई गई, पेट्रोल पंप, वृहद स्तर पर जिहादी भू-माफियाओं के लिए फंडिंग डोनेटर और गंगा-जमुना दाल मिल, दाल की सप्लाई सऊदी अरब यूएई और यूनाइटेड नेशन अमीरात होना शामिल है। साथ ही गंगा-जमुना धर्मकांटा भी है और शहर के मुख्य बाईपास में सैकड़ों एकड़ जमीन में दुकान भी है। 

यही नहीं दिल्ली, भोपाल, जबलपुर, बैंगलुरू और हैदराबाद शहरों में कई फ्लेट ऑफिस और मकान होने की जानकारी मिली है। साथ ही गैर कानूनी तरीके से अन्य जगहों पर राशि शिफ्ट करने का कार्य भी किया। आरोपियों पर भारी मात्रा में केंद्रीय एक्साइज की चोरी की भी शंका है। स्थानीय नागरिकों द्वारा भी विद्यालय प्रबंधन के संबंध में शिकायतें की गई हैं।

मुख्यमंत्री कार्यालय में पदस्थ जनसंपर्क अधिकारी श्री  अशोक मनवानी ने बताया कि इन सब बिन्दुओं सहित विद्यालय की गतिविधियों की विस्तार से जाँच के लिए मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर समिति गठित की जा रही है। उल्लेखनीय है कि गत सप्ताह दमोह के गंगा-जमुना विद्यालय में विद्यार्थियों को प्रबंधन द्वारा अनिवार्य रूप से स्कार्फ और हिजाब का उपयोग करने की शिकायतें सामने आई थी। राज्य सरकार ने इन परिस्थितियों को देखते हुए अलग-अलग आयामों से जाँच के निर्देश दिए हैं। 

अब पढ़िए दमोह कलेक्टर

दमोह के स्थानीय पत्रकारों से बातचीत के दौरान कलेक्टर श्री मयंक अग्रवाल ने कई बार कहा कि उन्होंने हर स्तर पर जांच करा दी है कहीं कोई गड़बड़ी नहीं मिली है। विवाद को बढ़ने से रोकने के लिए यहां तक कहा गया कि कुछ लोगों द्वारा जानबूझकर गलत जानकारी फैलाई जा रही है। कुछ ट्वीट पढ़िए, जो दमोह कलेक्टर के ऑफिशल टि्वटर हैंडल से जारी हुए हैं।
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इसके बाद जैसे ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का पहला बयान आया। दमोह कलेक्टर की तरफ से बयान आना बंद हो गए। यहां तक कि स्कूल संचालक के खिलाफ FIR दर्ज की गई परंतु दमोह कलेक्टर की ओर से यह जानकारी ट्विटर पर नहीं दी गई। 

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