जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में ओबीसी एडवोकेट वेलफेयर एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई नहीं हुई और उनके वकील श्री रामेश्वर सिंह ठाकुर का निवेदन खारिज कर दिया गया। श्री ठाकुर ने कहा कि अब वह इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। मामला वही है जिसके कारण पिछले दिनों पूरे मध्यप्रदेश में वकीलों की हड़ताल हुई थी।
रजिस्ट्रार के आदेश को चुनौती दी गई थी
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा के दिनांक 21/12/2022, 05/01/2023 तथा 19/01/2023 को प्रदेश के समस्त जिला न्यायाधीशों को निर्देश जारी किया कि, 25 आपराधिक प्रकरणों को निराकृत करना अनिवार्य है। इसके विरुद्ध मध्य प्रदेश के समस्त अधिवक्ताओं द्वारा कई दिनों तक काम बंद हड़ताल की गई थी तथा ओबीसी एडवोकेट्स वेलफेयर एसोसिएशन के प्रतिनिधि, पूर्वसेवा निवृत न्यायधीश श्री राजेंद्र कुमार श्रीवास द्वारा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के तीनों आदेशों की संवैधानिकता को हाईकोर्ट में याचिका क्रमांक WP /7459/2023 दाखिल करके चुनौती दी गई है।
अधिवक्ता श्री रामेश्वर सिंह ठाकुर ने बताया कि, यह याचिका दिनांक 20 मार्च 2023 को दाखिल की गई थी। जिसे काफी प्रयास के बाद दिनांक 28 मार्च को नंबर पर दर्ज किया गया लेकिन लिस्टिंग हेतु आज दिनांक तक चेक नहीं किया गया। जबकि हाईकोर्ट के रूल्स 2008 में स्पष्ट प्रावधान है कि किसी भी याचिका को तीन दिवस के भीतर चेक करके रोस्टर के अनुसार कोर्ट के समक्ष सुनवाई हेतु लिस्ट किया जाएगा। याचिकाकर्ता ने सुनवाई हेतु 5 बार मेंशन मेमो दाखिल किए गए एवं दिनांक 19 मई को IA क्रमांक 7306/2023 अर्जेन्ट हियरिंग आवेदन दाखिल किया गया।
अधिवक्ता श्री रामेश्वर सिंह ठाकुर ने बताया कि आज दिनांक 13 जून को चीफ जस्टिस के समक्ष प्रस्तुत होगा उक्त समस्त स्थिति से अवगत कराया गया परंतु चीफ जस्टिस ने यह कहते हुए अधिवक्ता के निवेदन को खारिज कर दिया कि प्रखंड में किसी भी प्रकार की अर्जेंसी प्रतीत नहीं होती है। श्री रामेश्वर सिंह ठाकुर ने कहा कि अब सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे।
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