CPC 35b- कोर्ट केस में जानबूझकर कर बिलम्ब करना बहुत महंगा पड़ सकता है, जानिए

Bhopal Samachar
0
बहुत से मामले कोर्ट में हमे देखने को मिलते हैं जो वर्षों से कभी गवाहों की बजाय से, कभी वादी के साक्ष्य की देरी से, कभी प्रतिवादी या प्रतिवादियों की देरी से या कभी वादी या प्रतिवादी द्वारा वकीलों से अभद्र भाषा के उपयोग से लम्बित होते हैं। जिनका निर्णय समय पर नहीं हो पाता है। जिससे किसी एक पक्षकार को प्रभावित होना पडता है एवं इसमे न्यायालय का समय बर्बाद होता है। इन्ही जानबूझकर कर देरी करने वाले पक्षकारों के लिए सिविल प्रक्रिया संहिता,1976 में संशोधन उपरान्त एक नई धारा जोड़ी गई जानिए  क्या है वह?

सिविल प्रक्रिया संहिता,1908 की धारा 35(ख) की परिभाषा

न्यायालय ऐसे पक्षकारों पर प्रतिकारात्मक खर्च अधिरोपित कर सकता है जो वाद या मामले की सुनवाई के समय किसी अवस्था में जानबूझकर कर बिलम्ब करता है। अगर प्रभावित पक्षकार एक से अधिक है तब न्यायालय के विवेक पर है वह प्रभावित पक्षकारों को किस प्रकार से विलम्ब कारित खर्च दिलवाएगा।

संबंधित निर्णय- इला विपिन चन्द पण्डया बनाम स्मिता अम्बा लाल पटेल 

उक्त मामले में न्यायालय द्वारा यह अभिनिर्धारित किया गया कि जहाँ वादी या प्रतिवादी गुणा-गुण पर बहस नहीं करता है, न्यायालय के मना करने पर भी वकीलों के बारे में गंदी भाषा का प्रयोग करता है एवं पक्षकार द्वारा उठाये गए मुद्दों पर विचार नहीं करता है या अनदेखा करता है तब वहां न्यायालय द्वारा निवारक खर्चा लगया जा सकता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665

इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
Facebook पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

Post a Comment

0 Comments

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!