भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में अरेरा कॉलोनी निवासी एक रिटायर्ड बैंक अधिकारी की बेटी ने उनको उनकी पत्नी व मनोरोगी बेटे के साथ 4 माह तक बंधक बना कर रखा। उन्हें तरह-तरह की यातनाएं दी। रोजाना उनके साथ मारपीट की जाती थी। यहां तक की खाना तक एक ही समय दिया जा रहा था।
छत के एक कमरे में बंद कर बाहर से ताला
जानवरों की तरह उन्हें छत के एक कमरे में बंद कर बाहर से ताला लगाकर बंद रखा जाता था। विरोध करने पर पीडि़त वृद्धों का नवासा भी उन्हें बेरहमी से पीटता था। आरोपियों की सितम के निशान वृद्धों के जिस्म पर साफ देखे जा सकते हैं। पुलिस ने आरोपी मां बेटे पर बंधक बनाकर रखने, मारपीट करने सहित भरण पोषण अधिनियम की धाराओं में प्रकरण दर्ज किया है।
हबीबगंज थाने के एसआई सुदील देशमुख ने बताया कि 80 वर्षीय सीएस सक्सेना बैंक में उच्च पद पर कार्यरत रहे हैं। अरेरा कॉलोनी के मकान नंबर ई 7/72 में रहते हैं। उनकी पत्नी कनक सक्सेना और मनसिक विकलांग बेटा विक्की सक्सेना भी साथ रहता है। उनकी बेटी निधि सक्सेना और नवासा निखिल सक्सेना जबरन उनके घर में कब्जा कर रहने लगे हैं। निधि की शादी भारतीय सेना के एक कर्नल से हुई थी। निधि उसे छोड़कर मां-पिता के घर में रह रही है। बीते चार महीनों से निधि ने अपने पिता सीएस सक्सेना, मां कनक सक्सेना और भाई विक्की सक्सेना को मकान की पहली फलोर में स्थित एक कमरे में कैद कर रखा है। उन्हें बाहर तक नहीं निकलने दिया जाता। खाना देते समय इस कमरे का ताला खोला जाता था।
जानवरों की तरह बचा हुआ खाना लड़की मां-पिता को परोसा करती थी। इसका विरोध करने, बाहर निकलने की मांग करने तथा अन्य जरूरत के सामान मांगने पर उन्हें निधि जो हाथ आए, जैसे रॉड-डंडे तथा क्रिकेट बेट से पीटती थी। अधिक विरोध करने पर निधि का बेटा निखिल भी उन्हें बेल्ट तथा बेट सेे पीटता था। सीएस सक्सेना एक हादसे के बाद चलने लायक नहीं रहे हैं। निधि उन पर दबाव बना रही है कि मकान बेचकर तीन करोड़ रुपए उसे दे दें। जबकि मां-पिता लगातार अनादर और निधि के आचरण के कारण उससे खफा हैं। वह उसकी बात मानने को तैयार नहीं हैं। उन्हें पता है कि निधि रकम लेने के बाद न उनका ध्यान रखेगी और न ही अपने मानसिक रोगी भाई का।
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