Madhya Pradesh Chunav politics news
मध्य प्रदेश के विंध्य, महाकौशल, ग्वालियर चंबल एवं मध्य क्षेत्र में 60 विधानसभा सीट ऐसी है जहां पर ब्राह्मण मतदाता जीत हार का फैसला करेंगे। सन 2018 के माई का लाल बयान के कारण ब्राह्मण समाज शिवराज सिंह से नाराज है और इस बात का फायदा कमलनाथ पूरी तरह से उठा रहे हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कमलनाथ व्हाट्सएप के जरिए ब्राह्मणों से कनेक्ट हो गए हैं जबकि शिवराज सिंह को इस मुद्दे की सुध बुध ही नहीं है।कमलनाथ की टीम व्हाट्सएप पर हजारों मंदिरों के पुजारियों से कनेक्ट
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जुलाई 2022 से कमलनाथ की टीम इस सब्जेक्ट पर काम कर रही है। मंदिर पुजारी प्रकोष्ठ, इस रणनीति का सबसे पहला कदम था। इंदौर में 13 मई को खजराना गणेश मंदिर से बिजासन माता मंदिर तक निकाली गई धर्म रक्षा यात्रा इसी चुनावी रणनीति का हिस्सा है। इसके अलावा भी कई कार्यक्रम चल रहे हैं। मंदिर के पुजारियों को व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया है। हर ग्रुप में कमलनाथ की टीम के 2 सदस्य शामिल हैं। एक सदस्य व्हाट्सएप ग्रुप में शिवराज सरकार के खिलाफ माहौल बनाता है और दूसरा सदस्य मॉनिटरिंग करता है। यह देखता है कि, कौन पुजारी क्या रिएक्शन कर रहा है। इसके आधार पर कुछ पैकेज तैयार किए जा रहे हैं, ताकि नाराज पुजारी केवल व्हाट्सएप ग्रुप पर नहीं बल्कि गांव-गांव में शिवराज सरकार के ब्राह्मण विरोधी चेहरे को दिखाएं।
पुजारियों को अपने पक्ष में कैसे लाएंगे कमलनाथ
पुजारियों का माइंडसेट बनाया जा रहा है कि शिवराज सरकार ब्राह्मण विरोधी है जबकि कमलनाथ ब्राह्मणों का सम्मान करते हैं। ब्राह्मण समाज की चिंता करते हैं। पुजारियों को अपने पीछे मजबूती से खड़े करने के लिए कमलनाथ ने अपना घोषणापत्र भी तैयार कर लिया है।
- मठ मंदिर की भूमि नीलाम नहीं की जाएगी।
- वंश परंपरा के अनुसार पुजारी का नामांतरण होगा।
- कलेक्टर किसी भी मंदिर का व्यवस्थापक नहीं होगा।
- पुजारी को एक सामान्य किसान के बराबर अधिकार मिलेंगे।
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