Small Business Ideas- एक ऐसी दुकान जिसमें माल खरीदना नहीं सिर्फ बेचना है, 1.5 लाख मंथली प्रॉफिट

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दुकान खरीदने में किसी को प्रॉब्लम नहीं है क्योंकि दुकान एक प्रॉपर्टी है लेकिन उसमें माल खरीदने में डर लगता है। नहीं बिका तो क्या होगा। अपन कोई ऐसा यूनिक बिजनेस आइडिया बनाएं जिसमें माल खरीदने की जरूरत ही ना पड़े फिर भी दुकान भरी रहे और माल बेचने पर अच्छा खासा प्रॉफिट भी मिले तो कैसा रहेगा। चलिए शुरू करते हैं:- 

Business Opportunity 

सारी दुनिया एक बाजार बन गई है। हम शहरों में नहीं बाजार में रहते हैं। हर रोज करोड़ों लोग कुछ ना कुछ खरीदते हैं। जब कोई नया प्रोडक्ट खरीदते हैं तो पुराना प्रोडक्ट उनके लिए अनुपयोगी हो जाता है। उसे रखने के लिए घर में जगह भी नहीं होती। वह सबसे पहले स्टोर रूम में शिफ्ट हो जाता है और उसके बाद दीपावली पर कबाड़ी वाले को दे दिया जाता है। अपन को कबाड़ी का काम नहीं करना लेकिन उस प्रोडक्ट को अपन अपना बिजनेस बना सकते हैं जो खराब नहीं हुआ है बल्कि अनुपयोगी हो गया है। 

Business Plan

  • अपन THRIFT STORE खोलेंगे। 
  • लोग अनुपयोगी प्रोडक्ट दे जाएंगे और ऐसे लोग खरीद कर ले जाएंगे जिन्हें उसकी जरूरत है। 
  • इस तरह ना केवल अपन लोगों की हेल्प करेंगे बल्कि नए प्रोडक्ट बनाने के लिए जो कार्बन उत्सर्जन होता है उसे भी रोक पाएंगे। 
  • लोग खुशी-खुशी अपने अनुपयोगी प्रोडक्ट अपन को देकर जाएंगे, क्योंकि अपन उन्हें किसी कबाड़ी वाले से तो ज्यादा कीमत देंगे, लेकिन प्रोडक्ट बेचने के बाद। 

इस बिजनेस की सफलता के लिए ईमानदारी जरूरी है

क्योंकि इसमें ग्राहक एक बार नहीं बल्कि बार बार आएगा और अपन को प्रोडक्ट देने वाले लोग भी नियमित रूप से आते रहेंगे इसलिए इस बिजनेस की सफलता के लिए ईमानदारी बहुत जरूरी है। जैसे ही किसी का प्रोडक्ट बिकेगा, अपन उसे व्हाट्सएप के माध्यम से सूचित कर देंगे। अनुपयोगी प्रोडक्ट को प्राप्त करते समय ही उस की न्यूनतम कीमत का निर्धारण भी कर लेंगे और हर प्रोडक्ट पर उसकी प्राइस लिखी होगी। यह एक फिक्स रेट स्टोर होगा ताकि किसी को ऐसा न लगे कि उसका प्रोडक्ट अपन ने ₹10 में खरीद कर ₹100 में बेच दिया है। 

कौन-कौन से प्रोडक्ट बेच सकते हैं

मकान, कार और मोबाइल तो पहले से ही बाजार में बिक रहे हैं इसलिए अपन उन प्रोडक्ट्स पर फोकस करेंगे जो बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध नहीं है। 
  • कपड़े इस्त्री करने वाली प्रेस। 
  • रसोई गैस चूल्हा। 
  • एसी, कूलर एवं पंखे। 
  • टेलीविजन से लेकर स्मार्ट टीवी तक।
  • गीजर, अवन, आरओ वाटर प्यूरीफायर। 
  • स्टडी लैंप और सजावट की दूसरी वस्तुएं। 
कुल मिलाकर वह सारे प्रोडक्ट जो लावारिस हैं, जिन की खरीद बिक्री के लिए कोई बिजनेस फर्म सक्रिय नहीं है। 

प्रॉफिट एंड लॉस कैलकुलेशन

घाटा होने का तो सवाल ही नहीं है क्योंकि अपनी खाली दुकान की कीमत भी बढ़ रही है। प्रॉफिट के मामले में प्रोडक्ट की डिमांड और वह अपनी दुकान में कितनी जगह घेर लेगा, इसके आधार पर कमीशन एवं किराए का निर्धारण करेंगे। कमीशन की दर फिक्स रहेगी। इसे 25% होना चाहिए। किराए का निर्धारण प्रोडक्ट के आधार पर होगा, लेकिन यह तभी वसूल किया जाएगा जब प्रोडक्ट बिक जाएगा। ऐसी स्थिति में डबल मुनाफा होगा। जिस प्रोडक्ट को बिकने में ज्यादा देर लगेगी उस प्रोडक्ट पर अपन को थोड़ा किराया ज्यादा मिल जाएगा। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) 

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