MPTST 2023- पढ़िए अतिथि शिक्षकों और किस सब्जेक्ट के कैंडीडेट्स को सबसे ज्यादा फायदा हुआ

Madhya Pradesh Government Teachers Selection test 2023 latest news 

मध्यप्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग एवं जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए मध्य प्रदेश शिक्षक चयन परीक्षा 2023 की घोषणा कर दी गई है। मध्यप्रदेश में इस प्रकार की परीक्षा पहली बार हो रही है। वैकेंसी आउट कर दी गई हैं। आइए जानते हैं किस सब्जेक्ट के कैंडीडेट्स को क्या फायदा हुआ और अतिथि शिक्षकों को क्या मिला। 

मध्य प्रदेश शिक्षक चयन परीक्षा में अतिथि शिक्षकों को क्या मिला

  • मध्य प्रदेश शिक्षक चयन परीक्षा में अतिथि शिक्षकों को सबसे बड़ा फायदा आयु सीमा में छूट का मिला है। अनारक्षित पुरुष- 40 वर्ष के स्थान पर 49 वर्ष तक। 
  • अनारक्षित महिला- 45 वर्ष के स्थान पर 54 वर्ष तक। 
  • मध्य प्रदेश शासन के निगम, मंडल अथवा स्वशासी संस्थान के कर्मचारी तथा नगर सैनिकों को- 45 वर्ष के स्थान पर 54 वर्ष। 
  • मध्य प्रदेश के सभी आरक्षित वर्ग महिला एवं पुरुषों को- 45 वर्ष के स्थान पर 54 वर्ष। 
  • दिव्यांगजन उम्मीदवारों को 45 वर्ष के स्थान पर 54 वर्ष। 
आयु सीमा में छूट का लाभ केवल उन्हीं अतिथि शिक्षकों को मिलेगा जिनके द्वारा न्यूनतम 3 शैक्षणिक सत्रों में एवं न्यूनतम 200 दिवस मध्य प्रदेश के शासकीय विद्यालयों में अतिथि शिक्षक के रूप में अध्यापन कार्य किया हो। 

किस सब्जेक्ट के कैंडिडेट्स को सबसे ज्यादा फायदा

  • इंग्लिश- 1763 रिक्त पद। 
  • मैथ्स- 1362 रिक्त पद। 
  • केमिस्ट्री- 781 रिक्त पद। 
  • फिजिक्स- 777 रिक्त पद। 
  • बायलॉजी- 755 रिक्त पद। 
  • एग्रीकल्चर- 569 रिक्त पद। 
  • संस्कृत- 508 रिक्त पद। 

कुल रिक्त पदों की संख्या 8720 घोषित की गई है। उपरोक्त विषयों के अलावा शेष विषयों में भी रिक्त पदों की घोषणा की गई है परंतु वह रिक्त पदों की संख्या की तुलना में पर्याप्त नहीं है। उपरोक्त पदों से मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार का विजन भी स्पष्ट होता है। भाषा के मामले में अंग्रेजी को प्राथमिकता दी गई है और दूसरे नंबर पर संस्कृत को रखा गया है। हिंदी और उर्दू को महत्व नहीं दिया गया है। PCM यानी फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथमेटिक्स पर फोकस है। बायोलॉजी के लिए भी ठीक-ठाक अनुपात है, लेकिन एग्रीकल्चर को महत्व दिया गया है। इस हिसाब से आज से 5 साल बाद मध्य प्रदेश से इंजीनियर और डॉक्टर के बाद खेती में इनोवेशन दिखाई देंगे। भाषा के मामले में मध्यप्रदेश की अपनी पहचान हो जाएगी। हमारे बच्चे या तो अंग्रेजी बोलेंगे या फिर संस्कृत। 

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