अशोकनगर। मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले में आयोजित करीला मेला के आकर्षण राई नृत्य की नृत्यांगनाओं के HIV टेस्ट को लेकर हुए बवाल के कारण CMHO डॉ. नीरज छारी को हटा दिया गया है तथा महिला आयोग ने कलेक्टर उमा महेश्वरी को नोटिस देकर 5 दिन में जवाब मांगा है। ।
यहां होने वाला राई नृत्य मेले का आकर्षण रहता है। ये मेला हर साल रंगपंचमी पर भरता है। यहां देशभर से करीब 15 लाख श्रद्धालु आते हैं। इस बार भी 12 मार्च से शुरू हुआ मेला 3 दिन तक चला। इस साल एक जांच के बाद मेला चर्चाओं में आ गया। दरअसल, मेले से पहले स्वास्थ्य विभाग ने राई डांसर्स का HIV टेस्ट कराया था, जिससे बवाल मचा हुआ है। कांग्रेस ने भी इस पर आपत्ति जताई।
राई नृत्य कौन करता है और क्यों किया जाता है
मध्यप्रदेश के अशोकनगर जिले के करीला धाम आश्रम में रंग पंचमी के अवसर पर भगवान श्री राम के पुत्र लव एवं कुश का जन्मोत्सव प्रारंभ हो जाता है। सन 2023 में इसमें लगभग 20 लाख लोग शामिल हुए। हजारों नृत्यांगनाएं अपनी श्रद्धा और भक्ति के चलते करीला पर्वत पर अप्सरा बनकर आती हैं और राई नृत्य का प्रदर्शन करती हैं। तभी से परंपरा चली आ रही है, बुंदेलखंड में संतान के जन्म और विवाह के अवसर पर माता-बहनें और मौसियां राई नृत्य करती हैं। यह समारोह दिन और रात लगातार 72 घंटे तक चलता है। अंत में 'घेरा की राई' नृत्य होता है। इसमें सभी नृत्यांगनाएं पूरे पर्वत को घेर लेती हैं और नृत्य करती हैं। इस प्रदर्शन के साथ लव और कुश के जन्मोत्सव का समापन होता है।