Madhya Pradesh weather forecast
भोपाल। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने मध्य प्रदेश के 30 जिलों में ओलावृष्टि के लिए गंभीर चेतावनी जारी की है। अफगानिस्तान से 1 और राजस्थान से बादलों के दो कबीले मध्यप्रदेश के आसमान पर छाए हुए हैं। मौसम विभाग का कहना है कि 60 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से आंधी चलेगी। इसके कारण काफी नुकसान हो सकता है इसलिए अपने बचाव की तैयारियां पहले से घर ले। मौसम का यह खतरा 20 मार्च 2023 तक बना रहेगा।
मध्य प्रदेश मौसम का पूर्वानुमान
मौसम केंद्र भोपाल के अनुसार भोपाल विदिशा रायसेन राजगढ़ सीहोर उज्जैन देवास आगर मालवा शाजापुर रतलाम मंदसौर नीमच भिंड मुरैना श्योपुर धार इंदौर दतिया ग्वालियर खरगोन अलीराजपुर झाबुआ बड़वानी सागर छिंदवाड़ा टीकमगढ़ दमोह छतरपुर सिवनी और कटनी जिलों में आंधी, बारिश और ओलावृष्टि होने की संभावना है। इन इलाकों में 60 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से आंधी चलने की संभावना है। मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। नागरिकों से अपील की गई है कि खराब मौसम को ध्यान में रखते हुए अपनी सभी तैयारियां पूरी कर लें, ताकि किसी भी प्रकार के नुकसान से बचा जा सके।
मध्य प्रदेश मौसम समाचार
पिछले 24 घन्टो के दौरान प्रदेश के उज्जैन, सागर, भोपाल संभागों के जिलों में कुछ स्थानों पर नर्मदापुरम, इंदौर, ग्वालियर शहडोल, रीवा, जबलपुर, सभागों के जिलों में कही कही वर्षा दर्ज की गई तथा शेष सम्भागों के जिलों में मौसम शुष्क रहा। वर्षा के प्रमुख आंकडे (सेमी में):- नटेरन 3 गंजबासौदा 2. नगौद, सागर, पठारी, गुलाबगंज सेमी
मध्य प्रदेश के 30 जिलों के नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी
• घर के अंदर रहें, खिड़कियां और दरवाजे बंद करें और यदि संभव हो तो यात्रा से बचें।
• सुरक्षित आश्रय लें, पेड़ों के नीचे शरण न लें।
• कंक्रीट के फर्श पर न लेटें और कंक्रीट की दीवारों का सहारा न लें।
• इलेक्ट्रिकल/इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के प्लग निकाल दें।
• तूफ़ान के दौरान जल निकायों से तुरंत बाहर निकलें। उन सभी वस्तुओं से दूर रहें जो बिजली का संचालन करती हैं।
• किसानों को सलाह दी जाती है कि वे परिपक्व सरसों, चना, गेहूं, सरसों और दालों की जल्द से जल्द कटाई करें और उन्हें सुरक्षित स्थान पर जमा करें।
• केले के गुच्छों को बांस की डंडियों या पॉलीप्रोपाइलीन की डंडियों से सहारा दें और नई रोपी गई सब्जियों / लता वाली सब्जियों को सहारा दें।
• बागवानी की फ़सलों में यांत्रिक क्षति को रोकने के लिए हैलनेट का उपयोग करें।
• सिंचाई और किसी भी प्रकार के रासायनिक छिड़काव से बचें।
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