Madhya Pradesh Public Service Commission, Indore के खिलाफ हाई कोर्ट ऑफ मध्य प्रदेश, जबलपुर के समक्ष प्रस्तुत की गई अवमानना याचिका खारिज कर दी गई है। इस याचिका में अनारक्षित कैटेगरी को जनरल कैटेगरी में ट्रांसफॉर्म्ड करने पर आपत्ति जताई गई थी।
अनारक्षित कैटेगरी को जनरल कैटेगरी में ट्रांसफॉर्म्ड करना सही है या गलत
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में याचिकाकर्ता की ओर से दलील दी गई कि मध्य प्रदेश हाई कोर्ट द्वारा दिनांक 7 अप्रैल 2022 को जो आदेश जारी किया गया था मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग इंदौर द्वारा अक्टूबर 2022 में जारी किए गए राज्य सेवा परीक्षा 2019 के रिजल्ट में उसका पालन नहीं किया गया। प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम को दो कैटेगरी में बांट दिया गया। प्रोविजनल में अनारक्षित को जनरल कैटेगरी में ट्रांसफॉर्म्ड कर दिया गया। इसके कारण जनरल कैटेगरी में sc-st एवं ओबीसी को मेरिट के बावजूद एंट्री नहीं मिली। यह हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना है।
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की डबल बेंच ने अपने फैसले में कहा कि याचिका निराधार है क्योंकि हाई कोर्ट के जज फैसले का उल्लंघन बताया जा रहा है उसे 2 जनवरी 2023 को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने उसे स्वीकार कर लिया है। अतः उस आदेश के उल्लंघन का, यानी हाई कोर्ट की अवमानना का मामला बनता ही नहीं है।
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