भोपाल। मध्य प्रदेश के सागर जिले में नियमानुसार नामांतरण के लिए रिश्वत वसूलने वाले पटवारी को कोर्ट ने 4 साल कारावास की सजा सुनाई है। पटवारी के लिए रिश्वत की रकम वसूली करने वाले उसके साथी को भी 3 वर्ष कारावास की सजा सुनाई गई है।
पटवारी अशोक अहिरवार पर ₹2000 रिश्वत वसूलने का आरोप था
अभियोजन द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार 25 मई 2017 को गोविंद प्रसाद लोधी ने पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत की थी। शिकायत में बताया था कि उसकी मां राधारानी ने ग्राम तिगाौड़ा में ताराबाई जैन से पुराना मकान खरीदा था। जिसका नामांतरण कराने के लिए वह तत्कालीन पटवारी अशोक अहिरवार के पास गया तो उन्होंने नामांतरण के एवज में 2 हजार रुपए की मांग की।
आवेदक की मां राधारानी ने रिश्वत की राशि देने से मना किया और लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत की। शिकायत मिलने पर लोकायुक्त ने मामले की जांच शुरू की। जांच के दौरान पटवारी द्वारा रिश्वत मांगे जाने की पुष्टि हुई। जिसके बाद लोकायुक्त टीम कार्रवाई के लिए रवाना हुई। टीम ने रिश्वत की राशि लेकर आवेदक गोविंद को भेजा। जैसे ही गोविंद ने रिश्वत की राशि देकर इशारा किया। वैसे ही लोकायुक्त टीम ने मौके पर पहुंच गई और गिरफ्तारी कर ली।
SAGAR NEWS- पटवारी को बचाने के चक्कर में फस गए नारायण पटेल
इस मामले में पटवारी ने डायरेक्ट रिश्वत की वसूली नहीं की थी बल्कि अपने साथी नारायण पटेल को रिश्वत लेने के लिए भेजा था। इसलिए रिश्वत की रकम प्राप्त करने वाले नारायण पटेल और रिश्वत की मांग करने वाले पटवारी अशोक अहिरवार के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया गया।
न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद पटवारी अशोक अहिरवार को रिश्वतखोरी का दोषी घोषित करते हुए 4 साल कारावास और नारायण पटेल को इस अपराध में साथ देने के लिए 3 वर्ष कारावास की सजा सुनाई।
✔ इसी प्रकार की जानकारियों और समाचार के लिए कृपया यहां क्लिक करके हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें एवं यहां क्लिक करके हमारा टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें। क्योंकि भोपाल समाचार के टेलीग्राम चैनल पर कुछ स्पेशल भी होता है।