शिवराज जी, आप तो संवेदनशील हैं, व्यावसायिक प्रशिक्षकों का मानदेय दिलवा दीजिए - Khula Khat

आदरणीय श्री शिवराज सिंह जी
, आपका ध्यान एक अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दे की ओर आकृष्ट कराना चाहूंगा कि पिछले दिनों नवीन व्यवसायिक शिक्षा के अंतर्गत जबलपुर जिले में पदस्थ व्यवसायिक प्रशिक्षकों का एक प्रतिनिधिमण्डल मुझसे मिलने के क्रम में मुझे अवगत कराया कि जबलपुर सहित प्रदेश के कई जिलों में व्यवसायिक शिक्षा के अंतर्गत पदस्थ ठेका व्यवसायिक प्रशिक्षकों को पिछले 8 माह से संबंधित एजेंसियों द्वारा मानदेय का भुगतान नहीं किया जा रहा है। 

MP NEWS- व्यवसायिक प्रशिक्षकों को लोगों ने उधार देना भी बंद कर दिया

प्रतिनिधिमण्डल के सदस्यों ने बताया कि समय पर वेतन न मिलने के कारण उन्हें आर्थिक और मानसिक रूप से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, और जबलपुर जिले में ऐसे प्रशिक्षकों की संख्या लगभग 95 है तो प्रदेश में इनकी संख्या हजारों में है। स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि पिछले 8 माह से वेतन न मिलने के कारण इन्हे घर तक चलाना मुश्किल हो रहा है और इन प्रशिक्षकों की स्थिति इतनी दयनीय हो चुकी है कि उन्हें अपना घर चलाने के लिए किसी से उधारी मांगने पर भी शर्मिंदगी महसूस होने लगी है। 

महोदय, व्यवसायिक प्रशिक्षकों के प्रतिनिधिमण्डल ने मुझे यह भी बताया कि पिछले 8 माह से मानदेय न मिलने के कारण और शासन-प्रशासन की उदासीनता के कारण यह सभी प्रशिक्षक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है और जब तक इनका लंबित मानदेय का भुगतान नहीं होता, तब तक वे हड़ताल पर ही रहेंगे। इन व्यवसायिक प्रशिक्षकों के हड़ताल पर होने से आगामी बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले छात्र-छात्राओं को रीविजन का अवसर नहीं मिल सकेगा और निश्चित रूप से इन छात्र को नुकसान उठाना पड़ सकता है। 

व्यवसायिक प्रशिक्षकों द्वारा लंबित मानदेय के भुगतान के संबंध में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के सह-संचालक को भी आग्रह किया गया था, किन्तु उस दिशा में भी अबतक कोई कार्यवाही नहीं की जा सकी है। 

महोदय, मेरा मानना है कि वेतन बिना शिक्षक और शिक्षक बिना स्कूल से स्वर्णिम मध्यप्रदेश बनाने का हमारा सपना अधूरा रह जाएगा। एक तरफ धीरे-धीरे शिक्षा को ठेके पर दिए जाने से उसकी गुणवत्ता प्रभावित हो रही है तो दूसरी तरफ शिक्षा पर ठेका प्रशिक्षकों को समय पर वेतन का भुगतान नहीं किए जाने से इस भीषण महंगाई में कुछ चंद हजार रुपये से अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे प्रशिक्षकों के परिवार के साथ घोर अन्याय है।

महोदय, आप एक संवेदनशील और करुणामयी राजनेता है। मुझे आशा है कि आप इन व्यवसायिक प्रशिक्षकों के लंबित भुगतान के लिए तत्काल संबंधित विभाग को निर्देशित करने का कष्ट करेंगे ताकि यह सभी प्रशिक्षक पुनः अपने हडताल को खत्म कर अपने-अपने स्कूलों से जुड़े ताकि बोर्ड परीक्षा के छात्रों को राहत मिले और प्रशिक्षकों पर लदे कर्ज का बोझ भी कुछ कम हो। तरुण भनोत (पूर्व मंत्री) विधायक जबलपुर पश्चिम मध्य प्रदेश विधानसभा  

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