पृथ्वी कैसे बनी, कब बनी, वजन, व्यास और अपमार्जक - amazing facts in Hindi about earth

Bhopal Samachar
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हम पृथ्वी पर रहने वाले प्राणी हैं और हमें हमारे पृथ्वी ग्रह के बारे में सामान्य ज्ञान तो होना ही चाहिए लेकिन कितने आश्चर्य की बात है कि बहुत सारे लोगों को नहीं पता होता पृथ्वी कैसे बनी और कब बनी। आइए आज अपन पृथ्वी के बारे में कुछ आश्चर्यजनक तथ्य के बारे में पता लगाते हैं:- 

पृथ्वी कैसे बनी 

Formation of Earth यानी पृथ्वी का निर्माण कैसे हुआ, इस प्रश्न का उत्तर तलाशने में वैज्ञानिकों को कई दशक लग गए हैं। नासा और इसरो जैसी संस्थाओं के अंतरिक्ष अभियानों के बाद वैज्ञानिकों के पास कुछ ऐसी जानकारियां हैं जिसके आधार पर वैज्ञानिक पृथ्वी के बनने की प्रक्रिया के बारे में बता रहे हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि करोड़ों साल लंबी प्रक्रिया के बाद एक ऐसा ग्रह बन पाया है जिसमें जीवन भी है और हम इसे पृथ्वी कहते हैं। 

वैज्ञानिक बताते हैं कि, अरबों साल पहले मिल्की वे गैलेक्सी के एक कोने में किसी पुराने तारे के अवशेष घूम रहे थे जिसमें सुपरनोवा विस्फोट हुआ था। उसके आसपास गैस और धूल के बादल बन रहे थे। वैज्ञानिकों की मान्यता है कि इसी दौरान उसके पास किसी दूसरे तारे में भी सुपरनोवा विस्फोट हुआ और उसके कारण पृथ्वी के गैस और धूल के कणों वाले बादलों का घनत्व बढ़ गया। गुरुत्वाकर्षण के कारण यह धूल के कणों को अपनी ओर आकर्षित करने लगा और इसका आकार बढ़ने लगा। यह अपनी धुरी पर तो पहले से ही घूम रहा था परंतु आकार बढ़ जाने के बाद सूर्य के चक्कर लगाने लगा। एक अनुमान है कि इस प्रक्रिया में 10 से 20 मिलियन वर्ष का समय लगा। 

अब तक इसमें जीवन नहीं था परंतु लगभग 4.54 बिलियन वर्ष पूर्व किसी विशाल पिंड के साथ पृथ्वी की टक्कर हुई और इसके कारण पृथ्वी से टूट कर चंद्रमा की उत्पत्ति हुई। इसी के कारण पृथ्वी अपने अक्ष पर 23.5 डिग्री झुक गई। चंद्रमा के अलग होने और पृथ्वी के रुक जाने के कारण जीवन प्रारंभ हो गया। 

पृथ्वी का वजन कितना है 

पृथ्वी/द्रव्यमान 5.972E24 kg है। इसे  5.972 × 10^24 किलोग्राम भी कह सकते हैं। यदि आप इन सभी मूल्यों को प्लग इन करते हैं और M1 के लिए हल करते हैं, तो आप पाते हैं कि पृथ्वी का द्रव्यमान 6,000,000,000, 000,000,000,000,000,000 किलोग्राम (6 x 1024 किलोग्राम, या 1.3 x 1025 पाउंड) है।

पृथ्वी का अपमार्जक 

पृथ्वी का अपमार्जक कवकों और जीवाणुओं को कहा जाता है। कवक को फफूंदी और अंग्रेजी में Fungus कहते हैं। जीवाणु को इंग्लिश में Bacteria (बैक्टीरिया) कहा जाता है। 

पृथ्वी को नीला ग्रह क्यों कहा जाता है
पृथ्वी को एक नीला ग्रह कहा जाता है क्योंकि सतह का लगभग 66% हिस्सा पानी से ढका होता है जिससे यह बाहरी स्थान से नीला दिखाई देता है। पृथ्वी एकमात्र ऐसा ग्रह है जिसे ज्ञात किया गया है कि उसमें पानी का अस्तित्व है। इसका अर्थ यह हुआ कि हमारे सौरमंडल में कहीं और भी पानी हो सकता है परंतु अभी तक हमें ज्ञात नहीं है। 

पृथ्वी का व्यास कितना है

पृथ्वी का विषुवतीय / भूमध्यरेखीय व्यास 12,756 किलोमीटर और ध्रुवीय व्यास 12,714 किलोमीटर है। यदि आप बिल्कुल सरल शब्दों में उत्तर देना चाहे तो कह सकते हैं कि पृथ्वी का व्यास 12,742 कि.मी. है। 

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