मध्य प्रदेश के 5 विश्व प्रसिद्ध शिव मंदिर - 5 world famous Shiva temples of Madhya Pradesh

विंध्याचल और सतपुड़ा की पर्वत श्रृंखलाओं पर बसा मध्यप्रदेश मंदिरों की धरती है। जिसकी स्मरण मात्र से, पापों से मुक्ति मिल जाती है ऐसी पुण्य सलिला नर्मदा नदी मध्य प्रदेश पवित्र करती है। आइए दर्शन करते हैं मध्य प्रदेश के पांच ऐसे शिव मंदिर जो पूरे विश्व में प्रसिद्ध है और जहां दुनिया भर से श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहता है:- 

Mahakaleshwar Temple, Ujjain 

मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर मंदिर, भगवान शिव के विश्व प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यहां भगवान शिव महाकाल के रूप में पूजे जाते हैं। यह भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। मान्यता है कि इस शिवलिंग को छू लेने मात्र से मनुष्य के स्वास्थ्य और जीवन में चमत्कारी परिणाम दिखाई देते हैं। 

Omkareshwar Temple, Omkareshwar: 

नर्मदा नदी के किनारे स्थित ओमकारेश्वर शिव मंदिर भी भगवान शिव के विश्व प्रसिद्ध 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह नर्मदा नदी के किनारे स्थित है और कथाओं में बताया जाता है कि स्वयं रावण भी यहां पर भगवान शिव की साधना करने के लिए आता था। राजा सहस्त्रबाहु के साथ रावण का युद्ध इसी स्थान पर हुआ था क्योंकि राजा सहस्त्रबाहु की नाव भगवान शिव के ध्यान में लीन रावण से टकरा गई थी। 

Bhojeshwar Temple, Bhojpur

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के निकट रायसेन जिले के भोजपुर में स्थित भोजेश्वर शिव मंदिर अपने निर्माण और मंदिर के भीतर स्थित विशाल शिवलिंग के कारण विश्व प्रसिद्ध है। कहते हैं कि यह एशिया का सबसे बड़ा शिवलिंग है जो सिर्फ एक पत्थर से बनाया गया है। राजा भोज के समय यह मंदिर तालाब के किनारे था यानी भोपाल का बड़ा तालाब का क्षेत्रफल इस मंदिर तक हुआ करता था। 

Pashupatinath Temple, Mandsaur

मध्यप्रदेश के मंदसौर में स्थित पशुपतिनाथ शिव मंदिर मध्य प्रदेश के विश्व प्रसिद्ध मंदिरों में चौथे नंबर पर आता है। कहते हैं पूरी दुनिया में सिर्फ दो ही पशुपतिनाथ के मंदिर हैं। मूल मंदिर नेपाल में स्थित है जबकि मंदसौर में बिल्कुल वैसा ही शिवलिंग स्थापित किया गया है। मान्यता है कि इस शिवलिंग पर पानी से भीगा हुआ बेलपत्र चढ़ाने मात्र से मनोकामना पूर्ण हो जाती है। 

Kedareshwar Temple, Khajuraho

मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित खजुराहो अपने आप में विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है। यहां आने वाले भारतीय और विदेशी पर्यटक केदारेश्वर मंदिर में दर्शन किए बिना वापस नहीं जाते। विदेशी पर्यटक यहां पर मंदिर के निर्माण की कला (स्थापत्य) देखने के लिए आते हैं। निर्माण की कला के हिसाब से कंदरिया महादेव का मंदिर यहां का सबसे कलात्मक मंदिर माना जाता है। इसे सन् 1000 में बनाया गया था और सिविल इंजीनियर का मानना है कि उस जमाने में इस प्रकार का मंदिर बनाना लगभग असंभव था। 

✔ इसी प्रकार की जानकारियों और समाचार के लिए कृपया यहां क्लिक करके हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें एवं यहां क्लिक करके हमारा टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें। क्योंकि भोपाल समाचार के टेलीग्राम चैनल पर कुछ स्पेशल भी होता है।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!