जबलपुर। मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में आयकर छूट की सीमा 5 लाख रुपये थी, जिसे केंद्र/राज्य कर्मचारी बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने की मांग कर रहे थे, लेकिन वित्त मंत्री ने कर्मचारियों की उपेक्षा की और उसमें थोड़ी वृद्धि की, राहत नहीं दी गई है। पुरानी पेंशन योजना दिनांक 31.12.2004 को पुन: लागू करने के संबंध में बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है।
दूसरी ओर राज्य के कर्मचारी केंद्र सरकार से उम्मीद कर रहे थे कि वित्त मंत्री सभी कर्मचारियों को समान वेतन और भत्ते, वन नेशन वन टैक्स (GST), समान मकान किराया भत्ता, चिकित्सा सुविधा और अन्य भत्ते प्रदान करने के संबंध में कोई प्रावधान करेंगे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हो सका। प्रथम दृष्टया 2023-24 का यह आम बजट देश और प्रदेश के कर्मचारियों के लिए निराशा लेकर आया है।
संघ के योगेंद्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, अटल उपाध्याय, मुकेश सिंह, मंसूर बेग, आलोक अग्निहोत्री, मनोज सेन, दुर्गेश पाण्डेय, महेश कोरी, डॉ. संदीप नेमा, गोविंद विल्थारे, रजनीश तिवारी, डी.डी. गुप्ता, पवन श्रीवास्तव संतकुमार छीपा, एमएल शर्मा, रमाकांत पटेल, एच.पी. गौतम, नरेंद्र शुक्ल, श्यामनारायण तिवारी, विनय नामवेदव, धीरेंद्र सोनी, मो. तारिख, गणेश उपाध्याय आदि ने केंद्र सरकार से मांग की है कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर 10 लाख कि जाए और पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू किया जाए।
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