एमपी पटवारी एवं अन्य सरकारी नौकरी भर्ती गड़बड़ी, प्राथमिकता के नियमों पर आपत्ति- MP ESB NEWS

Bhopal Samachar
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Madhya Pradesh employees Selection Board
, bhopal द्वारा आयोजित Group-2 (Sub Group -4) Sahayak Samparikshak and other equivalent direct and backlog post Combined 2022 and Patwari & other post Combined Recruitment Test - 2022 एवं अन्य सभी प्रकार की सरकारी नौकरियों की Rulebook में दर्ज प्राथमिकता के नियमों पर उम्मीदवारों ने आपत्ति उठाई है। इसके अलावा उनकी शिकायत है कि मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल में उनके सवालों का जवाब तक नहीं दिया जा रहा है। 

मध्यप्रदेश में सरकारी नौकरियों में गड़बड़ी के कैसे-कैसे तरीके

यहां उल्लेख करना अनिवार्य है कि मध्यप्रदेश शासन द्वारा राष्ट्रीय कैडेट कोर (अंग्रेज़ी: National Cadet Corps-NCC) क्वालिफाइड कैंडीडेट्स को सरकारी नौकरी हेतु मप्र कनिष्ठ सेवा (संयुक्त अर्हता) परीक्षा नियम-2013 के तहत भर्ती परीक्षा में 5% अतिरिक्त अंक दिए जाते हैं। ताजा भर्ती परीक्षाओं में भी 5% अतिरिक्त अंक देने की घोषणा की गई है। इसके लिए शर्त रखी गई है कि उम्मीदवार को NCC-D सर्टिफिकेट लगाना होगा। उम्मीदवार इसी बात से परेशान हैं क्योंकि एनसीसी में D सर्टिफिकेट होता ही नहीं है। केवल B और C सर्टिफिकेट होते हैं और इसमें C सर्टिफिकेट फाइनल होता है। 

एमपी कर्मचारी चयन बोर्ड गलती सुधारने तैयार नहीं

उम्मीदवारों ने बताया कि कर्मचारी चयन मंडल भोपाल मध्य प्रदेश की ऑफिशल वेबसाइट पर आवेदन करते समय नंबर 45 के ऑप्शन में सर्टिफिकेट की जानकारी पूछी गई है। इसी में गड़बड़ी है। C और D सर्टिफिकेट मांगा जा रहा है जबकि D सर्टिफिकेट होता ही नहीं है। इसके कारण B सर्टिफिकेट वाले रतिया से बाहर हो रहे हैं। सपना वर्मा एवं देवेंद्र देवड़ा ने बताया कि जब हेल्पलाइन नंबर पर मदद नहीं मिली तो वह स्वयं कर्मचारी चयन मंडल के ऑफिस गए थे परंतु सब कुछ जानते हुए भी वहां कोई सुनवाई नहीं की गई। एमपी कर्मचारी चयन बोर्ड अपनी गलती सुधारने के लिए तैयार नहीं है।।।

MP GOVERNMENT JOBS- गड़बड़ी शासन स्तर पर हो रही है 

एनसीसी सर्टिफिकेट होल्डर को प्राथमिकता दिए जाने के संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 22 फरवरी 2022 को जारी सर्कुलर में भी ‘सी’ और ‘डी’ सर्टिफिकेट का उल्लेख है। इसलिए मंडल द्वारा ‘सी’ के साथ ‘डी’ सर्टिफिकेट ही मांगा जा रहा है। खास बात यह है अब कर्मचारी चयन मंडल का नोडल डिपार्टमेंट अब जीएडी ही हैं। कर्मचारी चयन मंडल की संचालक षणमुख प्रिया मिश्रा का कहना है कि इस संबंध में उम्मीदवार जीएडी से संपर्क कर सकते हैं। यहां सवाल सिर्फ इतना सा है कि यदि विभागों द्वारा की जा रही गड़बड़ी रोका नहीं जा सकता तो फिर कर्मचारी चयन मंडल की क्या जरूरत है। आदेश का पालन तो तृतीय श्रेणी कर्मचारी सबसे बेहतर करते हैं, चेयरमैन के पद पर वरिष्ठ अधिकारी की क्या जरूरत है।

NCC में कितने सर्टिफिकेट होते हैं, मेजर जनरल एके महाजन ने बताया

मेजर जनरल एके महाजन, अतिरिक्त महानिदेशक, एनसीसी महानिदेशालय मप्र-छग एनसीसी ज्वाॅइन करने वाले स्टूडेंट्स को अलग-अलग स्तर पर ट्रेनिंग देकर 3 तरह के सर्टिफिकेट प्रदान दिए जाते हैं। इनमें ए, बी और सी सर्टिफिकेट शामिल हैं। 'डी’ कोई सर्टीफिकेट नहीं है।

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