JABALPUR में हजारों नर्सिंग छात्रों ने मेडिकल यूनिवर्सिटी को घेरा, हंगामा - MP NEWS

जबलपुर।
मध्यप्रदेश के जबलपुर में कई जिलों से एकत्र हुए नर्सिंग छात्रों ने मेडिकल यूनिवर्सिटी का घेराव कर जमकर हंगामा किया। छात्रों का का कहना है कि कि मान्यता देने के बाद यूनिवर्सिटी ने प्रदेश के कई जिलों के नर्सिंग कालेज की मान्यता रद्द कर दी, ऐसे में हजारों छात्रों के भविष्य पर संकट के बादल मंडराने लगे है। मध्यप्रदेश मेडिकल यूनिवर्सिटी का घेराव कर मांग की गई है कि सरकार और मेडिकल प्रबंधन छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए उनकी मदद करें।

MPMSU ने परीक्षा से पहले 100 कॉलेजों की मान्यता रद्द कर दी

नर्सिंग कालेज छात्र संगठन के अध्यक्ष मिलन कुमार ने बताया कि मेडिकल यूनिवर्सिटी ने अकस्मात प्रदेश भर में करीब 100 से अधिक नर्सिंग कालेज की मान्यता रद्द कर दी, ऐसे में अब हजारों छात्रों का भविष्य खतरे में आ गया है। नर्सिंग छात्र नेता ने बताया कि 2020 बैच के इन छात्रों की दो साल की पढ़ाई पूरी हो चुकी है, कुछ ही दिनों में छात्रों की परीक्षा भी होनी है, पर अचानक ही मेडिकल विश्विद्यालय प्रबंधन ने तुगलकी फरमान जारी कर सैकड़ों कालेज की मान्यता रद्द कर दी। छात्रों का कहना है कि यूनिवर्सिटी के द्वारा मान्यता देने के बाद अचानक ही उसे रद्द कर दिया गया।

मध्यप्रदेश नर्सिंग छात्र संगठन के अध्यक्ष मिलन सिंह ने मेडिकल कार्य परिषद के सदस्य सुनील राठौर जो कि नर्सिंग कालेज के संचालक भी है, उन पर संगीन आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने मेडिकल कालेज को दलाली का अड्डा बना रखा है। सुनील राठौर पर आरोप लगा है कि वह कार्य परिषद के सदस्य होने के कारण प्रदेश के कई नर्सिंग कालेज को ब्लैकमेल कर मान्यता के लिए उनसे रुपयों की डिमांड कर रहें है। जो नर्सिंग कालेज कार्य परिषद के सदस्य सुनील राठौर की डिमांड पूरी नही करता है तो उनका मीटिंग में विरोध किया जाता है। प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि जब तक उनकी मांगों पर विचार नहीं किया जाता है तब तक उनका यह आंदोलन जारी रहेगा।

नर्सिंग छात्रों का कहना है कि हमारे सभी कालेज को मध्यप्रदेश शासन मेडिकल कौंसिल ने निरीक्षण करने के बाद मान्यता दी थी और इनको अधिकार भी दिया था। नर्सिंग छात्रों ने राज्य सरकार, कुलपति, कुल सचिव से मांग की है कि छात्रों पर अत्याचार ना करें क्योंकि इन्होंने कोरोना संक्रमण के दौरान अपनी जान पर खेलकर सेवाएं दी है, शासन के पास नर्सिंग स्टाफ की बेहद कमी थी ऐसे में नर्सिंग के छात्रों से सरकार के द्वारा गवर्मेंट अस्पतालों में काम भी करवाया गया। मेडिकल यूनिवर्सिटी का घेराव कर छात्रों ने मांग की है कि हमारी समस्या का समाधान करने का निर्णय ले।

हजारों छात्रों को मेडिकल यूनिवर्सिटी में देख कुलपति डॉ. अशोक खंडेलवाल भी मौके पर पहुंचे और प्रदर्शन कर रहे छात्रों से मुलाकात की। कुलपति का कहना है कि अभी इस विषय में कुछ नहीं कहा जा सकता है पहले कार्य परिषद समिति की बैठक होगी और बैठक के बाद ही छात्रों के हित को देखते हुए निर्णय लिया जाएगा। मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति का कहना है कि हाईकोर्ट के निर्देश पर ही कई कालेज की मान्यता रद्द की गई है, जो कि हाईकोर्ट के निर्णय के अभी अधीन है।
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