ग्वालियर। इस बार की ठंड बाहरी त्वचा पर कम शरीर के भीतर ज्यादा तेजी से असर दिखा रही है। हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक के रिकॉर्ड तोड़ मामलों के साथ-साथ अब लोगों में सर्वाइकल स्पोन्डिलाइटिस और माइग्रेन की प्रॉब्लम भी सामने आने लगी है। डॉक्टरों ने बताया कि यह दोनों बीमारियां इन दिनों ठंड के कारण सामने आ रही हैं। बच्चों में निमोनिया की शिकायत भी मौसम के कारण ही आ रही है।
ग्वालियर में जानलेवा ठंड, अस्पतालों में भीड़, 100 से ज्यादा लोगों की मौत
जेएएच के न्यूरोलाजी विभाग में करीब 25 फीसद मरीज गर्दन और सिर में दर्द की परेशानी से परेशान है। जबकि 15 फीसद मरीज ब्रेन हेमरेज के पहुंच रहे हैं। इसी तरह से ठंड बच्चों को परेशान कर रही है जिनमें सर्दी,जुकाम, बुखार की शिकायत बढ़ी है। निमोनिया के चलते उन्हें भर्ती करने की जरुरत पड़ रही है। ग्वालियर शहर के सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में मिलाकर पिछले 1 सप्ताह में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। यह आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है।
ठंड के कारण कौन-कौन सी जानलेवा बीमारियां होती हैं
न्यूरो सर्जन डा विवेक कनकने का कहना है कि ठंड के कारण लोगों में माइग्रेन की परेशानी बढ़ी है। असल में सिर में ठंड लगने से सिर के आधे हिस्से में दर्द होना शुरू हो जाता है। जिसके कारण मरीज को उल्टी व घबराहट होती है। कई बार तो इस दर्द के कारण मरीज अचेत अवस्था में भी चला जाता है। ठंड के कारण हुई इस परेशानी को दवाओं से नियंत्रित करना भी मुश्किल हो जाता है तब मरीज को भर्ती तक करना पड़ता है।
सर्दी के कारण सर्वाइकल स्पोन्डिलाइटिस
सर्वाइकल स्पोन्डिलाइटिस में मरीज के गर्दन की मासपेशियों में अकड़न आ जाती है। जिससे उसकी गर्दन, सिर में दर्द होने लगता है। इससे हाथ,कंधे व बाहों में झुनझुनाहट की शिकायत होती है।
कड़ाके की ठंड के कारण ब्रेन स्ट्रोक या ब्रेन हेमरेज
डा कनकने का कहना है कि दिमाग तक खून पहुंचाने वाली नस में खून का थक्का जमने से खून की सप्लाई बाधित होने से ब्रेन स्ट्रोक की शिकायत आती है जिसमें शरीर के जिस हिस्से की नस में खून की सप्लाई बाधित होगी वह काम करना बंद कर देता है। पर ब्रेन हेमरेज में बीपी बढ़ने से खून की सप्लाई देने वाली नस फटने से खून का संचार बाधित होता है। जिससे मरीज की जान जाने का खतरा बढ़ जाता है।
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