अंग्रेजों ने सारी दुनिया से कमाया फिर भी धनवान नहीं है, ऐसा क्यों, यहां पढ़िए- GK Today

Bhopal Samachar
0
एक वक्त ऐसा भी था जब अंग्रेजों का राज पूरी पृथ्वी पर था। उन्होंने दुनिया भर के देशों में कारोबार किए और खूब पैसा कमाया। इसके अलावा दुनिया के हर देश की मूल्यवान वस्तु इंग्लैंड भेज दी गई। इस सबके बावजूद इंग्लैंड दुनिया का सबसे धनवान देश नहीं है। इंग्लैंड का कोई भी नागरिक दुनिया का सबसे अमीर व्यक्ति नहीं है। ऐसा क्यों, आइए समझने की कोशिश करते हैं:- 

इंग्लैंड जब पूरी दुनिया में इन्वेस्ट कर रहा था तभी वर्ल्ड वॉर हो गया

इसमें कोई दो राय नहीं है कि एक वक्त ऐसा था जब ब्रिटिश हुकूमत का झंडा पूरी पृथ्वी पर लहराता था। शुरुआत में उन्होंने काफी मुनाफाखोरी की लेकिन एक वक्त ऐसा भी आया जब उन्हें विश्वास हो गया कि पृथ्वी का एक बड़ा हिस्सा उनकी परमानेंट प्रॉपर्टी है। इसलिए उन्होंने विकास कार्यों पर काफी पैसा खर्च करना शुरू किया। अच्छी क्वालिटी का इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया ताकि वह सैकड़ों सालों तक खराब ना हो। इसी दौरान प्रथम विश्व युद्ध शुरू हो गया। इंग्लैंड का इस लड़ाई से कोई लेना-देना नहीं था परंतु दुनिया की सबसे बड़ी ताकत होने के कारण उसे युद्ध में शामिल होना पड़ा। 

सेकंड वर्ल्ड वॉर ने यूनाइटेड किंगडम को बर्बाद कर दिया

द्वितीय विश्व युद्ध में यूनाइटेड किंगडम के 264443 सैनिक एवं 92673 नागरिक मारे गए। लगभग 277000 घायल हुए और 214000 लापता थे। यह कुल संख्या लगभग 850000 है। सभी के परिवारों को मोटा मुआवजा देना पड़ा। सिर्फ इतना ही नहीं सेकंड वर्ल्ड वॉर में इंग्लैंड के 42000 से अधिक विमान, 16000 तोप, 2000 बख्तरबंद वाहन और 1340 युद्धपोत नष्ट हो गए। इंग्लैंड ने अमेरिका से काफी मात्रा में युद्ध की सामग्री खरीदी थी। यह नुकसान भी इंग्लैंड के लिए काफी भारी पड़ा। 

यदि भारत नहीं छोड़ते तो ब्रिटेन छोड़ना पड़ता

यूनाइटेड किंगडम के आर्थिक हालात इतने खराब हो गए थे कि जिन देशों पर शासन करके वह दुनिया का सबसे धनवान देश बना था। उन्हीं देशों में प्रशासनिक व्यवस्था को संचालित करने के लिए भी खजाने में धन उपलब्ध नहीं था। नतीजा सबसे पहले 1947 में भारत को स्वतंत्र किया गया और फिर यह क्रम लगातार 1984 ब्रुनेई की आजादी तक चलता रहा। यानी दुनियाभर से अपना साम्राज्य समेटने में अंग्रेजों को 37 साल का समय लगा।

moral of the story

यूनाइटेड किंगडम की कहानी प्रकृति के इस सिद्धांत को प्रतिस्थापित करती है कि आपके जीवन के संचालन के लिए प्रकृति ने जो निर्धारित किया है, उसमें छेड़छाड़ करने की आवश्यकता नहीं है अन्यथा सफलता के चरम पर पहुंचने के बाद भी शून्य तक पहुंचने में देर नहीं लगेगी। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
Facebook पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

Post a Comment

0 Comments

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!