उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा मध्य प्रदेश आजीविका मिशन के अंतर्गत पदस्थ असिस्टेंट ब्लॉक मैनेजर के ट्रांसफर पर रोक लगा दी है क्योंकि सभी संविदा कर्मचारी है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने राज्य आजीविका मिशन के सीईओ एडमिन एवं कलेक्टर (मंडला एवं सिंगरौली) को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है।
सिंगरौली से मुरैना और मंडला से दमोह ट्रांसफर किया था
न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी व न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की एकलपीठों के समक्ष याचिकाओं की सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता सिंगरौली निवासी रामदयाल साकेत व मंडला निवासी धर्मेंद्र मिश्रा की ओर से अधिवक्ता विकास मिश्रा ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता रामदयाल साकेत को सिंगरौली के चितरंगी विकासखंड से काफी दूर जौरा मुरैना स्थानांतरित किया गया है। जबकि धर्मेंद्र मिश्रा को मंडला से जबेरा, दमोह स्थानांतरित किया गया है।
संविदा कर्मचारी के प्रशासनिक स्थानांतरण का प्रावधान ही नहीं
याचिकार्ता संविदा कर्मी हैं। लिहाजा, स्थानांतरण नीति के विरुद्ध हुए स्थानांतरण चुनौती के योग्य हैं। बहस के दौरान दलील दी गई कि संविदा कर्मी का स्थानांतरण विशेष परिस्थिति में ही किया जा सकता है। याचिकाकर्ताओं के स्थानांतरण आदेश में ऐसी कोई विशेष परिस्थिति या कारण का उल्लेख नहीं किया गया है। अधिवक्ता ने अपनी दलील के समर्थन में हाई कोर्ट के पूर्व आदेशों का हवाला भी दिया। जिन पर गौर करने के बाद हाई कोर्ट ने आगामी सुनवाई तक याचिकाकर्ता के स्थानांतरण पर रोक लगा दी।
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