नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी कि नेताओं में अब राजनैतिक कार्यकर्ताओं वाले गुण नहीं रह गए हैं। एक पॉलीटिकल लीडर वोटर लिस्ट में अपने समर्थकों के नामों की रक्षा करता है। दिल्ली में हालत यह है कि कांग्रेस पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष वोटर लिस्ट में अपने नाम की रक्षा नहीं कर पाया।
असहाय मजदूर जैसा विक्टिम स्टेटमेंट दे रहे अनिल चौधरी
दिल्ली में नगरीय निकाय चुनाव के मतदान के दिन आज प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी ने कहा कि, मेरा नाम वोटर लिस्ट में नहीं है, मेरी पत्नी ने वोट डाला है। अभी तक ना मुझे लिस्ट के बारे में बताया जा रहा है ना मेरा नाम दिख रहा है, मैं अभी औपचारिक जानकारी का इंतज़ार कर रहा हूं'। कितनी अजीब बात है, यदि यही स्थिति भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के साथ हुई होती तो अब तक तो धरना, प्रदर्शन, उपवास और कीर्तन पता नहीं क्या-क्या शुरू हो गया होता। कांग्रेस की सबसे बड़ी कमजोरी यही है कि कांग्रेस के नेता संघर्ष नहीं कर पाते।
दिल्ली में कांग्रेस पार्टी ने वोटर लिस्ट का निरीक्षण ही नहीं किया
पूरे भारत में चुनाव की एक समान प्रक्रिया है। किसी भी चुनाव से पहले मतदाता सूची को अपडेट किया जाता है। फिर दावे और आपत्ति के लिए उसे पब्लिक कर दिया जाता है। आम जनता तो ध्यान नहीं देती परंतु राजनीतिक कार्यकर्ता बहुत ध्यान देते हैं। वह नहीं चाहते कि उनका एक भी समर्थक लिस्ट से बाहर हो जाए और फिर अपने विरोधी के मतदाताओं से बाहर करने की पॉलिटिक्स भी होती है। कितनी अजीब बात है दिल्ली में कांग्रेस पार्टी ने वोटर लिस्ट निरीक्षण ही नहीं किया।
यदि किया होता तो अनिल चौधरी को पहले ही पता चल जाता कि आपके पड़ोसी ने उनके साथ क्या कर डाला है। समय रहते स्थिति संभल जाती और एक वर्ग विशेष में अनिल चौधरी एक्सपोज होने से बच जाते हैं।
मेरा नाम वोटर लिस्ट में नहीं है, मेरी पत्नी ने वोट डाला है। अभी तक ना मुझे लिस्ट के बारे में बताया जा रहा है ना मेरा नाम दिख रहा है, मैं अभी औपचारिक जानकारी का इंतज़ार कर रहा हूं: दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी#MCDElections2022 pic.twitter.com/b1Vlm9vSAp
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 4, 2022