भोपाल। ज्योतिरादित्य सिंधिया से विरोध के चलते कृष्ण पाल सिंह यादव कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे। मोदी लहर में सांसद भी बने लेकिन अब ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा में आ गए हैं, स्वाभाविक है डॉक्टर केपी सिंह दूसरे पाले में अपनी पोजीशन बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इसी के चलते राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में अपने भाई अजय यादव को भेजा। ताकि सनद रहे और वक्त जरूरत काम आवे।
डॉ केपी यादव- भाजपा में शामिल होते ही लॉटरी लग गई थी
डॉक्टर कृष्ण पाल सिंह यादव अशोकनगर जिले में ज्योतिरादित्य सिंधिया के परमभक्त नेता हुआ करते थे। सन 2018 के चुनाव में विधानसभा का टिकट चाहते थे परंतु श्रीमंत महाराज साहब ने उनकी मनोकामना पूरी नहीं की। नाराज भक्त ने अपने पॉलिटिकल इष्ट देव के साथ पार्टी भी बदल ली। भाजपा में शामिल हो गए। यहां आते ही जैसे लॉटरी लग गई। ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ लोकसभा चुनाव का टिकट मिल गया। मोदी लहर ऐसी चल रही थी कि केपी यादव जिनके पास पोलिंग एजेंट तक नहीं थे, ज्योतिरादित्य सिंधिया से चुनाव जीत गए। आज की तारीख में गुना शिवपुरी लोकसभा के माननीय सांसद हैं।
महाराज के आ जाने से मन खट्टा हो गया, हर संभावना पर विचार
कृष्ण पाल सिंह यादव के सामने धर्म संकट की स्थिति बन गई है। भारतीय जनता पार्टी में बड़ा अच्छा लग रहा था लेकिन श्रीमंत महाराज साहब के आ जाने से मन खट्टा हो गया। पार्टी के नेता कुछ भी कह ले परंतु ग्वालियर चंबल संभाग में सिक्का तो महाराज का ही चलेगा। हां इतना जरूर है कि पार्टी में महत्व मिलता रहेगा। इधर कांग्रेस पार्टी से विधानसभा का टिकट मिल सकता है। सूत्रों का कहना है कि फिलहाल सांसद महोदय सभी संभावनाओं पर विचार कर रहे हैं। कांग्रेस का दरवाजा बंद ना हो जाए इसलिए अजय को यात्रा में भेज दिया। राहुल गांधी के प्रति अपनी निष्ठा प्रकट कर दी।