भोपाल। मध्य प्रदेश के कुछ कर्मचारी नेताओं ने राजधानी भोपाल में एक मीटिंग करने के बाद डिसाइड किया है कि अखिल भारतीय कर्मचारी संघ के बैनर तले दिल्ली में होने जा रहे पुरानी पेंशन आंदोलन में शामिल होंगे।
पुरानी पेंशन, नए कर्मचारियों का सबसे बड़ा मुद्दा
मध्य प्रदेश के कर्मचारियों का मानना है कि विधानसभा चुनाव 2023 के पहले सरकार की तरफ से जो भी संभव है, प्राप्त कर लेना चाहिए। चुनाव के बाद जो भी सरकार बनेगी वह कर्मचारी की मांगों पर ध्यान नहीं देगी। पुरानी पेंशन, नए कर्मचारियों का सबसे बड़ा मुद्दा है। नए कर्मचारी न्यू पेंशन स्कीम से बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं है। इसके अलावा उनकी और भी कई मांगे हैं। अखिल भारतीय कर्मचारी संघ ने दिल्ली में पुरानी पेंशन के लिए आंदोलन का ऐलान किया है। उन्होंने इस आंदोलन में भारत के सभी कर्मचारी संगठनों से सहयोग की अपील की है।
मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों की सरकार से मांगे
- पुरानी पेंशन बहाली हो।
- लिपिकों की वेतन विसंगति दूर की जाए।
- सीपीसीटी परीक्षा खत्म की जाए।
- परिवीक्षा अवधि पूर्व की भांति रखी जाए।
- पेंशन हेतु अधिवार्षिकी आयु 33 वर्ष की जगह हेतु 25 वर्ष करें।
- केंद्र के समान केंद्रीय तिथि से कार्यरत एवं सेवानिवृत्त अधिकारी-कर्मचारियों को महंगाई भत्ता से राहत दें।
- रिक्त पदों की भर्ती पर संविदा स्थाईकर्मियों को नियमित करें।
- कोरोना काल का 18 महीने का मंहगाई भत्ता/मंहगाई राहत दिया जाए।
- आउट सोर्स प्रथा बंद हो।
- सेवानिवृत्त कर्मचारियों को संविदा नियुक्ति न दी जाए।
- अध्यापक,अतिथि शिक्षक और गुरुजियों की मांग लंबित मांगों को पूरा करें।
- वाहन, मकान भाड़ा भत्ता बढ़ाया जाए।