मंत्री सुरेश धाकड़- पुअर परफॉर्मेंस लिस्ट में आने के बाद लोहा पीटते नजर आए- MP NEWS

भोपाल
। ग्वालियर की राजनीति के महाराज साहब श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया की कृपा से मंत्री बने सुरेश धाकड़ राठखेड़ा का नाम जैसे ही पुअर परफॉर्मेंस वाली लिस्ट में आया, उनमें काफी बदलाव देखने को मिल रहे हैं। हाल ही में अपनी विधानसभा में लोहा पीटते हुए नजर आए। सूत्रों का कहना है कि पिछले 4 सालों में इनके कारण इनकी विधानसभा में काफी लोहा पीटा गया है। 

राजनीति लोहा नहीं, कच्चे धागों का झूला है 

मंत्री सुरेश धाकड़ को समझाने की जरूरत है कि राजनीति लोहा नहीं है जिसे पीट-पीटकर फिर से सीधा किया जा सकता है, या फिर उसे गला कर कुछ नया बनाया जा सकता है। यह तो कच्चे धागों का झूला है। एक झटका लगने पर टूट जाता है और फिर वर्षों तक नहीं जुड़ता है। मंत्री पद मिलने के बाद वह काफी कुछ भूल गए थे। शायद अब याद आ रहा है परंतु इससे पहले खबरिया आ चुकी है कि कहीं किसी महत्वपूर्ण विचार विमर्श में किसी विकल्प पर विचार किया जा चुका है।

ज्योतिरादित्य को भगवान बताते थे, शिवराज को अपना नेता बताया

सुरेश धाकड़ राठखेड़ा वही व्यक्ति हैं जो मध्य प्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार के समय ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपना भगवान बता रहे थे। तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ को अपना नेता मानने से इंकार कर रहे थे। बाद में इस्तीफा भी दिया और अपने भगवान के साथ भाजपा में शामिल हुए परंतु जैसे ही उनका नाम पूरे परफॉर्मेंस की लिस्ट में आया और पता चला कि मंत्रिमंडल विस्तार वाली लिस्ट में उनके नाम के आगे रेड मार्क लग गया है तो उन्होंने अपने भगवान को याद नहीं किया बल्कि सीएम हाउस से बाहर निकलते ही शिवराज सिंह को अपना नेता घोषित कर दिया। 

विधानसभा 2023 का टिकट बचेगा, या वह भी खतरे में है 

भारतीय जनता पार्टी में इतनी सुर्ख गुटबाजी नहीं होती परंतु सिंधिया समर्थकों ने भाजपा में अपने गुट को इतना चमकदार बना कर रखा कि सबको दिखाई दिया। सुरेश धाकड़ राठखेड़ा और श्रीमती इमरती देवी ऐसे नाम है जिन्होंने सार्वजनिक तौर पर कहा कि उनके लिए पार्टी और परिवार से बड़े महाराज हैं। अब जब कुर्सी खतरे में आई तो 'आप भी धाकड़ हम भी धाकड़', धाकड़-धाकड़ भाई-भाई, नारा लगा रहे हैं। इधर बड़ा सवाल यह है कि 2023 के विधानसभा चुनाव में सुरेश धाकड़ को टिकट मिलेगा या वह भी खतरे में है।

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