मुरैना। अपर सत्र न्यायालय द्वितीय मुरैना सिविल लाइन थाना प्रभारी इंस्पेक्टर प्रवीण चौहान पर ₹10000 का अर्थदंड लगाया है। कुर्की वारंट मुरैना को भेज दिया गया है। आरोप है कि इंस्पेक्टर प्रवीण चौहान ने बोर्ड परीक्षाओं में नकल के मामले में न्यायालय को गुमराह करने की कोशिश की ताकि आरोपी को सजा ना हो।
मामला माध्यमिक शिक्षा मंडल की परीक्षा में नकल प्रकरण का है। मंडल की वर्ष 2018 की परीक्षा के दौरान केन्द्राध्यक्ष श्रीनिवास गुप्ता ने 26 वर्षीय आशीष पुत्र नरेश धाकड़ को दूसरे परीक्षार्थी की जगह परीक्षा देते पकड़ा था। जब सिविल लाइन थाना पुलिस ने उससे कड़ाई से पूछताछ की तो उसने अपना गलत नाम पुलिस को बता दिया। पुलिस ने वेरीफिकेशन नहीं किया और उसकी बात पर विश्वास करते हुए बताए गए नाम पर मामला दर्ज कर लिया।
इन्वेस्टिगेशन के दौरान पता चला कि उसका असली नाम रामवरन पुत्र जगदीश रावत, निवासी अलीपुरा खेरोन सबलगढ़ है। केन्द्राध्यक्ष की शिकायत पर सिविल लाइन थाना पुलिस ने आरोपी आशीष धाकड़ के खिलाफ मार्च 2018 में आईपीसी की धारा 419 एवं परीक्षा अधिनियम के तहत अपराध दर्ज कर लिया। बाद में इस मामले में धारा 465, 467 व 468 का इजाफा कर दिया गया।
पुलिस ने केस से संबंधित मूल ड्राफ्ट को जांच के लिए भोपाल भेजा लेकिन उसे न्यायालय में पेश नहीं किया एवं इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर धारा कोर्ट में पेश किए गए चालन में पूरे साक्ष्य लेख बंद नहीं किए गए। न्यायालय ने 28 अप्रेल 2022 को थाना प्रभारी प्रवीण चौहान को मूल ड्राफ्ट पेश करने पत्र लिखा जिसकी एक कॉपी पुलिस अधीक्षक को भेजी गई। इसके बाद भी पुलिस ने मूल ड्राफ्ट पेश नहीं किया।
दिनांक 9 नवंबर 2022 को कोर्ट में इंस्पेक्टर प्रवीण चौहान के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करते हुए ₹10000 का अर्थदंड लगा दिया।