नर्मदा हॉस्पिटल BHOPAL की नर्स की संदिग्ध मौत, होशंगाबाद के कर्मचारी की बेटी थी

Bhopal Samachar
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भोपाल
। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित नर्मदा हॉस्पिटल में काम करने वाली 25 वर्षीय स्टाफ नर्स विशाखा कहार की हॉस्पिटल के सामने हॉस्टल में संदिग्ध मौत हो गई। डेड बॉडी के पास एक सिरिंज और दवाई पड़ी हुई मिली है। मृत्यु का कारण इसी दवाई का ओवरडोज बताया जा रहा है। समाचार लिखे जाने तक स्पष्ट नहीं हुआ है कि यह मामला आत्महत्या का है या हत्या का। लड़की के पिता होशंगाबाद कॉलेज के कर्मचारी हैं। 

BHOPAL NEWS- स्टाफ नर्स विशाखा कहार की संदिग्ध मृत्यु घटना का विवरण

इस मामले के इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर एवं असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर बीपी विश्वकर्मा ने बताया कि मूलत: नर्मदापुरम (होशंगाबाद) की रहने वाली विशाखा कहार (उम्र 25 वर्ष) पुत्री उमेश कहार अरेरा कॉलोनी में संचालित नर्मदा अस्पताल में नर्स के पद पर नौकरी करती थी। वह अस्पताल के सामने बने हॉस्टल में ही रहती थी। शनिवार रात करीब साढ़े 9 बजे उसके पड़ोस के रूम में रहने वाली नर्स पूजा ने देखा कि विशाखा बेसुध पड़ी है। उसने अस्पताल प्रबंधन व पुलिस को सूचना दी। इस पर पहुंची पुलिस। तलाशी में रूम में एक इंजेक्शन और दवा की शीशी मिली। कमरे से सुसाइड नोट नहीं मिला। ASI बीपी विश्नकर्मा ने बताया कि पूजा के अभी बयान नहीं हो सके हैं, इसलिए अभी यह जानकारी नहीं कि विशाखा के रूम का दरवाजा बाहर से बंद था या खुला था।

BHOPAL TODAY- मेरी बेटी बहादुर थी, सुसाइड नहीं कर सकती, विशाखा के पिता ने कहा

विशाखा के पिता उमेश कहार होशंगाबाद के एक कॉलेज में क्लर्क हैं। उन्होंने बताया कि अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक शनिवार रात 8 बजे तक बेटी ड्यूटी पर थी। हमें देर रात सूचना मिली कि लड़की कि तबीयत खराब है। उसे अस्पताल के ICU में भर्ती कराया गया है, जल्दी आ जाइए। रात में गाड़ी न मिलने से पहुंचने में देर हो गई। जब अस्पताल पहुंचे, तो विशाखा मृत मिली। पिता का कहना है लड़की बहादुर थी। हर बात को वह घर में बताती थी। अगर दिक्कत होती तो जरूर बताती, लेकिन कुछ नहीं बताया। हमें बेटी की मौत पर संदेह है। हमें निष्पक्ष जांच चाहिए।

15 नवंबर को बर्थडे था, 18 तक रोज बात होती थी

विशाखा के परिजनों का कहना कि दो साल से नर्मदा अस्पताल में काम रही है। कभी उसका किसी से लड़ाई झगड़ा नहीं हुआ। अगर कुछ होता, तो जरूर बताती। ऐसे तो रोज घर पर बात करती थी, लेकिन कल कोई कॉल नहीं आया, जबकि 18 नवंबर को बात हुई थी, लेकिन एक दम ठीक थी। अभी 15 नवंबर को बेटी का जन्मदिन था। घर आने को कहा गया, तो काम की बात कहकर आने को मना कर दी।

दरवाजा बाहर से बंद था, पुलिस से पहले क्यों तोड़ा

परिजनों का आरोप है कि दरवाजा तोड़ने के बाद पुलिस को सूचना दी गई। अगर कुछ अनहोनी लग रही थी, तो पुलिस के सामने दरवाजा खोलना था। लड़की के मोबाइल की जांच करें, उससे कुछ पता चल सकता है।
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