भोपाल। मध्य प्रदेश के सरकारी मेडिकल कालेजों से संबद्ध अस्पतालों में हास्पिटल मैनेजमेंट इंफारमेशन सिस्टम (HMIS) शुरू किया जा रहा है। इसमें विभिन्न सुविधाएं शामिल हैं। जैसे कि मरीजों का ओपीडी पंजीयन और जांच रिपोर्ट आनलाइन मिल जाएगी। किस डाक्टर ने एक निश्चित समय में कितने मरीज देखे, अस्पताल प्रबंधन यह भी जान सकेगा।
भोपाल के GMC से संबद्ध हमीदिया अस्पताल में तीन साल से यह व्यवस्था चल रही थी। अब बाकी 12 सरकारी मेडिकल कालेजों से संबद्ध अस्पतालों में भी इसे शुरू किया जाएगा। चिकित्सा शिक्षा संचालनालय के अधिकारियों ने बताया कि कालेज की वेबसाइट या मोबाइल एप के माध्यम से मरीज अपनी ओपीडी आइडी डालकर जांच रिपोर्ट डाउनलोड कर सकेंगे। साथ ही वह ओपीडी के लिए पंजीयन भी करा सकेंगे। अस्पताल में उन्हें पंजीयन शुल्क चुकाकर सिर्फ ओपीडी पर्चे का प्रिंट लेना होगा। बाद में पंजीयन राशि के भुगतान की सुविधा भी आनलाइन कर दी जाएगी। एमपी आनलाइन, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड और आनलाइन बैंकिंग के माध्यम से भुगतान किया जा सकेगा।
सभी अस्पतालों में अगले साल जनवरी तक एचएमआइएस शुरू करने की तैयारी है। अस्पताल में दवा वितरण व्यवस्था, स्टोर से वार्डों के लिए दिया जाने वाला सामान व आपरेशन थियेटर से संबंधित जानकारी भी इस व्यवस्था से जोड़ दी जाएगी। अस्पताल में भर्ती मरीजों की पूरी जानकारी एचएमआइएस पर रहेगी। ड्यूटी डाक्टर वार्ड में एक जगह बैठकर सभी मरीजों से स्वास्थ्य की जानकारी ले सकेंगे। इसका सबसे बड़ा फायदा आइसीयू में भर्ती मरीजों की निगरानी में होगा।
HMIS से मरीजों को बड़ा लाभ होगा
सभी मेडिकल कालेजों के आपस में जुड़ने से दूसरे अस्पताल में मरीजों को रेफर करने के साथ ही उसका पूरा चिकित्सकीय ब्योरा संंबंधित अस्पताल में पहले ही पहुंच जाएगा। मरीज का पर्चा या जांच रिपोर्ट खो जाती है तो मोबाइल नंबर, नाम या पता के आधार पर उसका विवरण खोजा जा सकेगा। यह पता करना भी आसान हो जाएगा कि किस क्षेत्र में किस बीमारी के कितने मरीज आ रहे हैं। दवाओं की खपत का पता चल जाएगा। इससे पहले से दवाएं खरीदने के लिए मात्रा तय करना आसान हो जाएगा।डाक्टर चाहें तो मरीज की आइडी एचएमआइस में डालकर उपचार का पूरा ब्योरा देख सकेंगे।टोकन व्यवस्था भी शुरू की जा सकेगी