निश्चित रूप से यह उच्च शिक्षा विभाग पंजाब राज्य का रिजल्ट है। ग्रेजुएशन करने के बाद स्टूडेंट्स ने उच्च शिक्षा विभाग के कॉलेजों को रिजेक्ट कर दिया है। सेंट्रलाइज काउंसलिंग के बाद 80% सीटें खाली हैं। किसी भी राज्य की शिक्षा व्यवस्था के लिए यह बेहद चिंता का विषय है। यदि यही हालात रहे तो पंजाब में पोस्ट ग्रेजुएशन के कोर्स बंद करने पड़ेंगे।
6596 सीटें, 3840 स्टूडेंट्स ने आवेदन किया, 1384 ने एडमिशन लिया
राज्य भर में पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम में 6596 सीटें हैं। इनमें से 3840 सीटों के लिए आवेदन आए। इनमें भी कई स्टूडेंट्स ने एक से ज्यादा कोर्स के लिए अप्लाई किया। विभाग ने शनिवार तक पहली मेरिट लिस्ट के मुताबिक फीस जमा करवाने का समय दिया था, लेकिन रात 8:30 बजे तक 1384 ने ही दाखिला लिया है।
उच्च शिक्षा विभाग में बड़े बदलाव की जरूरत
यानी राज्य भर में सिर्फ 20 फीसदी ही सीटें भरी हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक ये आंकड़ा चिंताजनक है। ग्रेजुएशन के बाद या तो पंजाब के युवा पोस्ट ग्रेजुएशन नहीं कर रहे हैं या फिर पीजी करने के लिए राज्य अथवा देश के बाहर जा रहे हैं। कारण और भी कई हो सकते हैं। सरकारी नौकरियों के अवसर कम होते जा रहे हैं या फिर सरकारी कॉलेजों में पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई कराने के लिए विशेषज्ञ प्रोफेसर ही नहीं है। यह भी संभव है कि सभी कारणों के चलते नतीजा इतना खराब आया है।