ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में एक गांव को लेकर केंद्र सरकार कंफ्यूज हो गई है। उसने कलेक्टर से रिपोर्ट मांगी है। प्रॉब्लम यह है कि इस गांव का नाम ग्वालियर शहरी क्षेत्र में भी दर्ज है और ग्वालियर ग्रामीण क्षेत्र में भी। सरकार ने कलेक्टर से पूछा है कि क्लियर करके बताओ, यह एक गांव है या एक जैसे नाम के 2 गांव है। या फिर ग्वालियर के अधिकारियों से कोई गलती हो गई है।
इस गांव का नाम है मोहनपुर। ग्वालियर ग्रामीण के राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार यह गांव सिटी सेंटर तहसील के अंतर्गत सरल क्रमांक 13 पर दर्ज किया गया है। यानी यह शहर का हिस्सा नहीं है। दूसरी तरफ मप्र शासन द्वारा जारी अधिसूचना छह नवंबर 2012 में ग्राम मोहनपुर को सरल क्रं 56 पर नगर निगम ग्वालियर में होना दर्शाया गया। यानी मोहनपुर ग्वालियर नगर निगम का एक मोहल्ला है।
यहां गांव वालों के साथ गांव का नाम भी पलायन कर गया
दुनिया भर में लोग पलायन कर के नए स्थान पर जाते हैं। हर स्थान का एक नाम होता है। जिसके कारण पलायन करने वालों का पता बदल जाता है, लेकिन इस मामले में बड़ा अजीब हुआ है। ग्वालियर गिर्द सील के अंतर्गत मोहनपुर गांव के कुछ लोग गांव से पलायन करके ग्वालियर नगर निगम सीमा में मुरार के पास रहने लगे। इन लोगों ने अपने मोहल्ले का नाम मोहनपुर मुरार रख लिया। इस प्रकार इन लोगों का पता नहीं बदला। यह लोग पहले भी मोहनपुर जिला ग्वालियर के रहने वाले थे और अब भी मोहनपुर जिला ग्वालियर के रहने वाले हैं।
जब जनगणना हुई तो उसके आंकड़ों से भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन जनगणना कार्य निदेशालय परेशान हो गया। मोहनपुर की दो बार जनगणना हो गई है। दोनों की जीपीएस लोकेशन अलग-अलग है लेकिन बाकी सब कुछ बड़ा उलझन भरा है। पिता मोहनपुर गांव में रहता है और बेटा मोहनपुर मुरार में।