अपन सभी जानते हैं कि हनुमान जी जब माता सीता की खोज में रावण की लंका में पहुंचे तो उन्होंने ना केवल माता सीता का पता लगाया बल्कि रावण की लंका में जमकर उत्पात मचाया और अंत में रावण की लंका जला कर राख कर दी। भारतीय संस्कृति में इस प्रकार के ऐतिहासिक दिनों को हमेशा याद रखा जाता है। घटनाक्रम तो हम सब को भी याद है परंतु क्या कोई बता सकता है कि वह तिथि कौन सी थी जिस दिन हनुमान जी ने रावण की लंका में आग लगाई।
लंका दहन की तिथि क्या थी, यहां पढ़िए
हम बताते हैं। वह ऐतिहासिक दिन भाद्रपद मास (जिसे भादो का महीना भी कहते हैं) का अंतिम मंगलवार था। भारतीय काल गणना के अनुसार यह साल का छठवां महीना होता है। जब भारतवर्ष में आसमान पर मानसून के बादल होते हैं और इसे वर्षा ऋतु कहा जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार सामान्यतः यह दिन अगस्त के महीने में आता है और कभी-कभी सितंबर के महीने की शुरुआत में भी यह तिथि पड़ती है। इस दिन को बुढ़वा मंगल भी कहा जाता है।
क्या भारत में बुढ़वा मंगल पर कोई त्यौहार मनाया जाता है
प्रभु श्री राम ने जब रावण को मारा तो उस दिन को विजयदशमी कहा गया और हर वर्ष श्री रामलीला का आयोजन किया जाता है। इसी प्रकार बुढ़वा मंगल के दिन हनुमान भक्त अपने घरों में विशेष पूजा पाठ करते हैं और मंदिरों में संगीतमय सुंदरकांड के पाठ का आयोजन किया जाता है। मान्यता है कि इस दिन सुबह से शाम तक उपवास करने से शत्रु पर विजय प्राप्त होती है। हनुमान जी को लाल फूल चढ़ाए जाते हैं। लाल चंदन का टीका लगाया जाता है एवं भक्ति भाव के साथ सुंदरकांड अथवा हनुमान चालीसा का पाठ किया जाता है।