जबलपुर। मध्य प्रदेस सरकार अखिल भारतीय सेवा के अफसरों और मध्य प्रदेश शासन के कर्मचारियों के बीच भारी भेदभाव कर रही है, अंग्रेजों की तरह फूट डालो नीति अपना कर जहां प्रमोशन दिए जा रहे है वहीं महगाई भत्तों के एरियस देने में भेद भाव किया जा रहा है।
मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के योगेंद्र दुबे ने अधिकारियों और कर्मचारियों को अलग अलग लाभ दिए जाने की घोर निन्दा की है। संघ की जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के 10 लाख कर्मचारियों के मंहगाई भत्ते में 03 प्रतिशत बढ़ोतरी करते हुए माह अगस्त 2022 से दिये जाने की घोषणा की गई है, किन्तु सरकार की घोषणा में बकाया महीनों के एरियर्स का कोई उल्लेख नहीं किया गया है।
जबकि इसके विपरीत अखिल भारतीय सेवा मध्य प्रदेश संवर्ग (आईएएस, आईपीएस, आईएफएस इत्यादि) अफसरों को 03 प्रतिशत डीए एरिसर्य सहित नगद भुगतान किये जाने निर्णय लिया गया है। इससे पूर्व भी राज्य शासन द्वारा कर्मचारियों के साथ छलावा करते हुए जनवरी 2022 से घोषित 11 प्रतिशत डीए एरियर्स डकार लिया गया है। शासन के इस दोहरे मापदण्ड से प्रदेश के शासकीय, निगम, मण्डल में कार्यरत लगभग 10 लाख कर्मचारियों में भारी आक्रोश एवं निराशा व्याप्त है।
मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, अटल उपाध्याय, मुकेश सिंह, आलोक अग्हिोत्री, मंसूर बेग, आशुतोष तिवारी, डॉ० संदीप नेमा, दुर्गेश पाण्डे, बृजेश मिश्रा, नितिन अग्रवाल, गगन चौबे, मनीष चौबे, योगेन्द्र मिश्रा, मनोज सेन आन्नद रैकवार, मो० तारिख, धीरीन्द्र सोनी, गणेश उपाध्याय, अभिषेक मिश्रा, सोनल दुबे, देवदत्त शुक्ला, विनय नामदेव, प्रियांशु शुक्ला, पवन ताम्रकार, विवेक तिवारी, श्यामनारायण तिवारी, महेश कोरी, नितिन शर्मा आदि ने माननीय मुख्यमंत्री म.प्र. शासन से मांग की है कि प्रदेश संघ लोक सेवा आयोग के अधिकारियों के समान राज्य कर्मचारियों को डी.ए एरियर्स का नगद भुगतान एवं अन्य लाभ दिए जाये। अन्यथा संघ धरना, आंदोलन हेतु बाध्य होगा।