मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के नागदा शहर में सुबह 7:00 बजे एक ट्रक ने स्कूल वाहन को टक्कर मार दी। यह एक्सीडेंट इतना भयानक था कि 4 विद्यार्थियों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई जबकि 11 गंभीर रूप से घायल है। 3 विद्यार्थियों को इंदौर रेफर किया गया है। इस घटना में निंदा के योग्य यह है कि घटनास्थल पर एंबुलेंस नहीं पहुंची। घायल बच्चों को एक बस में फ्लोर पर लिटाकर ले जाया गया।
एक्सीडेंट के बाद उज्जैन कलेक्टर एसपी का बयान
कलेक्टर आशीष सिंह ने उन्हेल-नागदा मार्ग पर हुए हादसे में दुख जताते हुए बताया कि एक्सीडेंट के दौरान टेंपो ट्रैक्स वाहन में 15 बच्चे सवार थे। ये सभी बच्चे 5वीं से 7वीं क्लास के थे, और इनकी उम्र 11 से 15 साल तक है। जिनमें से 4 बच्चों की मौत हो गई है। वहीं बाकी 11 बच्चों का इलाज 4 अलग-अलग हॉस्पिटल उज्जैन ऑर्थो, संजीवनी, बोम्बे हॉस्पिटल इंदौर और नागदा में चल रहा है। इसमें इलाज पर प्रशासन लगातार नजर बनाए हुए है। एसपी सत्येंद्र शुक्ल ने बताया को दोनों ड्राइवर को कस्टडी में ले लिया गया है। वर्तमान में सभी का फोकस बच्चों के इलाज पर है। वहीं कानून के सभी पहलूओं पर जांच की जाएगी। वहीं जिसकी इसमें त्रुटि पाई जाएगी उस पर कार्रवाई की जाएगी।
इन बच्चों की मृत्यु हो गई
भाव्यांश पिता सतीश जेन 16
सुमित पिता सुरेश 18
उमा पिता ईश्वर लाल 15
इनाया पिता रमेश 6 साल
ये घायल बच्चे अस्पताल में भर्ती हैं
उज्जैन आर्थो अस्पताल में-भाव्यांश उम्र 16 वर्ष, अनुष्का 15, उमा 15, इनाया 6, अक्षत 8 संजीवनी अस्पताल में-सुमित 18, निशा प्रज्ञा12, हर्ष / ईश्वरलाल 14 को भर्ती कराया गया है जबकि नागदा अस्पताल में प्रियांश/संजय, तनीषा/राजेश, प्रियांशी/पवन, तैयब/आज़ाद का इलाज चल रहा है।
रस्सी से खींचकर गाड़ी को सीधा किया
नागदा के फातिमा कॉन्वेंट स्कूल के बच्चों से भरी ट्रैक्स गाड़ी को झिरनिया फंटे के समीप ट्रक ने टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि ट्रैक्स पूरी तरह से पिचक गई। टक्कर लगते ही बच्चों में चीख-पुकार मच गई। राहगीरों ने ट्रैक्स को रस्सी से खींचकर सीधा किया। जिसके बाद घायलों को बाहर निकालकर नागदा जनसेवा अस्पताल भेजा गया। ट्रैक्स में 15 बच्चे मौजूद थे।
एम्बुलेंस चालक शिवनारायण व्यास का कहना है कि सूचना के 10 से 15 मिनट बाद ही एम्बुलेंस मौके पर पहुंच गई थी। एक्सीडेंट के बाद बच्चे गाड़ी में फंसे हुए थे। उनको बमुश्किल बाहर निकाला। वाहनों की मदद से बच्चों को अस्पताल लाया गया।