MP NEWS- जंगल में लकड़ियां बीन रहे आदिवासियों पर फायरिंग, 1 युवक की मौत 3 घायल

Bhopal Samachar
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मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल संभाग के जिला विदिशा में वन विभाग के अधिकारियों ने जंगल में लकड़ियां बीन रहे आदिवासियों पर फायरिंग कर दी। गोलियां पैरों में नहीं बल्कि छाती पर चलाई गई। एक युवक की मृत्यु हो गई जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से घायल है। आदिवासियों का कहना है कि जब वह वापस जा रहे थे तब पीछे से गोली मारी गई। वन विभाग के कर्मचारियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करके सस्पेंड कर दिया गया है। 

मृतक के आश्रित को 2000000 और सरकारी नौकरी

आदिवासी दिवस के दिन इस घटना के बाद सीएम शिवराज सिंह ने घटना पर दुख जताया और न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मृतक के परिवार को 20 लाख और घायलों को 5-5 लाख की आर्थिक मदद दी जाएगी। वहीं कलेक्टर उमा शंकर भार्गव ने बताया कि मृतक के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी। उधर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने सरकार पर आदिवासी वर्ग के उत्पीड़न का आरोप लगाया।

आदिवासियों ने बताया- वे आए और गोली मार दी

घायलों के साथी राजेंद्र सिंह ने बताया कि हम 8 लोग लकड़ी बीनने जंगल गए थे। यहां से बाइक पर लकड़ी लेकर लौट रहे थे। खट्‌टेपुरा गांव के पास हमें वन विभाग की टीम दिखाई दी। हम गाड़ी पर ही बैठे थे कि वे हमारे पास आ गए। आते ही उन्होंने फायरिंग कर दी। गोली लगने से चैन सिंह की मौके पर ही माैत हो गई। भगवान सिंह और महेंद्र सिंह भागे तो उधर से दूसरी गोली दाग दी गई, जिससे वे वहीं पर गिर गए। इसके बाद रोड सिंह को भी गोली मारकर घायल कर दिया। इसके बाद मैं मार दिया.... मार दिया... चिल्लाते हुए दौड़ा तो फॉरेस्ट वाले गाड़ी मोड़कर भाग निकले।

राजेंद्र सिंह ने बताया कि इसके पहले कभी फॉरेस्ट टीम से आमना-सामना नहीं हुआ था। गांव में पानी नहीं है। कमाई का और कोई साधन नहीं है। जैसे-तैसे पेट पाल रहे हैं। उन लोगों ने 7 से 8 फायरिंग की है। लटेरी में पुलिसवालों ने फॉरेस्ट टीम को बाहर नहीं आने दिया। हमें उसने पूछना है कि उन्हें फायरिंग के आदेश किसने दिए।

पुलिस ने बताया- 312 बोर की बंदूक से चली गोली

विदिशा के एडिशनल एसपी समीर यादव ने बताया कि रायपुरा गांव निवासी प्रीतम सिंह की शिकायत पर वन विभाग के कर्मचारी निर्मल डिप्टी समेत अन्य के खिलाफ 302, 307 व 34 के तहत केस दर्ज किया गया है। पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि गोली 312 बोर बंदूक से चलाई गई थी। जिसमें चैन सिंह भील की मौत हो गई।

वन विभाग की दलील- हत्या नहीं एनकाउंटर हुआ है

उधर DFO राजवीर सिंह का कहना है कि मंगलवार रात साढ़े 8 बजे के करीब विभाग को सूचना मिली कि गुना से आए कुछ लकड़ी तस्कर जंगल की ओर गए हैं। सूचना पर एक टीम बैरागढ़ कोटरा वन चौकी पहुंची। थोड़े इंतजार के बाद उन्हें जंगल की ओर से कुछ लोग आते हुए दिखाई दिए। उनके पास लकड़ियां थीं। टीम ने उन्हें दबोचने के लिए घेराबंदी की तो वे लोग बाइक छोड़कर जंगल में भीतर घुस गए। टीम ने उनका पीछा किया। वे लोग पत्थर फेंकने लगे। टीम ने आत्मरक्षा में फायर किया, जिसमें चैन सिंह नामक तस्कर की मौत हो गई। फायरिंग में 3 अन्य तस्कर घायल हुए हैं।

DFO राजवीर सिंह ने बताया कि टीम जंगल से वापस लौटी और थाने पहुंची। घटना की जानकारी लगते ही रात साढ़े 12 बजे के करीब कुछ लोगों ने थाने का घेराव किया। हमें बाहर आने का कहने लगे। वे चिल्ला रहे थे कि बाहर आओ, नहीं तो हम थाना फूंक देंगे। विदिशा पुलिस ने मोर्चा संभाला और मामले को शांत करवाया।
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